अक्टूबर 2023 के प्रमुख व्रत और त्योहार

 

प्रतिवर्ष, भारतीय संस्कृति में व्रत और त्योहार न केवल धार्मिक आयोजन होते हैं, बल्कि ये हमारी सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा भी हैं। अक्टूबर 2023 में भारत में कई महत्वपूर्ण धार्मिक व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे, जो हम सभी के लिए खास होते हैं। यहाँ हम आपको अक्टूबर 2023 के प्रमुख व्रत और त्योहारों की एक झलक प्रस्तुत कर रहे हैं: 
 
अक्टूबर 2023 के प्रमुख व्रत और त्योहार

 

अक्टूबर 2023 के प्रमुख व्रत और त्योहार (Major fasts and festivals of October 2023)

2 अक्टूबर 2023 सोमवार भरणी श्रद्धा और संकष्टी गणेश

 
2 अक्टूबर 2023 को सोमवार को भरणी श्रद्धा और संकष्टी गणेश चतुर्थी का आयोजन होगा, जो भारतीय धर्म में महत्वपूर्ण हैं।
भरणी श्रद्धा -एक पावन पर्व है जिसमें पितृदेवों की पूजा की जाती है, और उनकी आत्मा को शांति दिलाने का प्रयास किया जाता है। 
संकष्टी गणेश -चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिन्हें संकष्टी निवारक और आपके जीवन में सुख-संपत्ति का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भक्त व्रत करते हैं और पूजा के बाद मोदक, लड्डू, और अन्य मिष्ठानों को प्रसाद के रूप में बाँटते हैं।

4 अक्टूबर 2023, बुधवार:रोहिणी व्रत

रोहिणी व्रत - रोहिणी व्रत एक महत्वपूर्ण हिन्दू व्रत है, जो भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और उनके लीलाओं के स्मरण के लिए मनाया जाता है। यह व्रत मासिक रोहिणी नक्षत्र के दिन मनाया जाता है और इसे रोहिणी एकादशी के दिन भी मनाया जा सकता है।

रोहिणी व्रत का मुख्य उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति करना और उनके प्रति भक्ति और प्रेम में बढ़ावा करना होता है। इस दिन भक्त अनिवार्य रूप से उपवास करते हैं और सत्संग करने का प्रयास करते हैं।

रोहिणी व्रत के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है, और उनकी कथाएँ और लीलाएँ सुनाई जाती हैं। भक्त भगवान की आराधना करके उनसे अपने जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

रोहिणी व्रत का आयोजन भक्ति और भक्ति के माध्यम से आत्मिक एवं आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता है, और इसे धार्मिक उत्सव के रूप में बड़े आनंद से मनाया जाता है।

6 अक्टूबर 2023, शुक्रवार: श्रीमहालक्ष्मी व्रत समाप्त, कालाष्टमी, और मध्य अष्टमी

6 अक्टूबर 2023, शुक्रवार को श्रीमहालक्ष्मी व्रत का समापन होगा, जिसमें भक्तगण मां लक्ष्मी की पूजा करके उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। इस व्रत का आयोजन धन, समृद्धि, और वैभव की प्राप्ति के लिए किया जाता है, और भक्तगण विशेष रूप से घर की सुख-शांति की प्राप्ति के लिए इसे महत्वपूर्ण मानते हैं।
इसी दिन कालाष्टमी और मध्य अष्टमी का भी आयोजन होगा, जो भगवान शिव की पूजा के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन व्रतों के द्वारा भक्तगण भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा और विश्वास को प्रकट करते हैं और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

7 अक्टूबर 2023, शनिवार: आविधवा नवमी

आविधवा नवमी, जिसे 'आदुखा नवमी' भी कहा जाता है, पितृ पक्ष के नौवें दिन का महत्वपूर्ण हिन्दू दिनचर्या है, जिसका उद्घाटन पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित है। इस दिन का तिथि भौतिक कैलेंडर के अनुसार निर्धारित होता है।

उत्तर भारत में, यह 'आश्विन कृष्ण पक्ष' में होता है, जबकि गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में अमावस्यांत कैलेंडर के अनुसार 'भाद्रपद कृष्ण पक्ष नवमी' के रूप में आता है।

आविधवा नवमी एक दिन है जिसमें पतियों की मृत्यु हो जाने वाली विवाहित महिलाओं को स्मरण किया जाता है। इसलिए आविधवा नवमी विधवाओं द्वारा मनाया जाता है। इस दिन, पारंपरिक हिन्दू देवताओं की बजाय 'धुरिलोचन' जैसे दैवतों की पूजा की जाती है। 'धुरि' का अर्थ 'धुआं' होता है जबकि 'लोचन' में 'आंखें' का अर्थ होता है। धारण किए जाने वाले इन दैवतों की आंखें धुआं के कारण आधी बंद रहती हैं। आविधवा नवमी के दिन, भक्तगण इन दैवतों को पुकारते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। आविधवा नवमी की अनुष्ठानिकता एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में और समुदाय से समुदाय में भिन्न होती है। यह उत्तर भारत के राज्यों में प्रमुख रूप से मनाया जाता है और 'आदुखा नवमी' के नाम से भी प्रसिद्ध है।

10 अक्टूबर 2023,मंगलवार ,माघ श्रद्धा और इंदिरा एकादशी

10 अक्टूबर 2023, मंगलवार को माघ श्रद्धा और इंदिरा एकादशी का आयोजन होगा। माघ श्रद्धा के दिन, आपको अपने पितृदेवों की पूजा करनी चाहिए, जबकि इंदिरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। यह दोनों त्योहार हिन्दू धर्म में आदर्श माने जाते हैं और भक्तगण इन दिनों को धार्मिक आत्मा की शांति और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। इन दिनों पितृदेवों और भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष आशीर्वाद मिलता है और अपने पूर्वजों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है।

11 अक्टूबर 2023, बुधवार: प्रदोष व्रत 

11 अक्टूबर 2023, बुधवार को प्रदोष व्रत का आयोजन होगा। इस व्रत में भगवान शिव की पूजा और अर्चना की जाती है। प्रदोष व्रत भगवान शिव के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रतीक होता है और यह व्रत शिव जी के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए किया जाता है।

इस दिन भक्तगण व्रत के दौरान उपवास करते हैं और भगवान शिव का जप और ध्यान करते हैं। प्रदोष व्रत का आयोजन विशेष रूप से शिव जी के भक्तों और श्रद्धालुओं द्वारा किया जाता है और इसका महत्वपूर्ण हिस्सा भगवान शिव की पूजा, अर्चना, और भक्ति में समर्पित होता है। यह व्रत शिव जी के प्रति भक्ति और समर्पण को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण होता है और भगवान शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए किया जाता है।

12 अक्टूबर 2023, गुरुवार: मास शिवरात्रि - भगवान शिव की पूजा का महत्व

मास शिवरात्रि एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो भगवान शिव की आराधना और पूजा के लिए समर्पित है। यह त्योहार हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है।

मास शिवरात्रि का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव की पूजा करके उनके प्रति भक्ति और समर्पण में बढ़ावा करना होता है। इस दिन भक्त शिव जी का ध्यान करते हैं, उनकी मूर्ति का अभिषेक करते हैं, और उनका व्रत रखते हैं।

मास शिवरात्रि का आयोजन भक्ति और आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता है, और इस दिन भक्तगण शिव जी की कथाएँ सुनते हैं और उनके व्रत से अपने जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

मास शिवरात्रि त्योहार के दौरान, भक्तगण भगवान शिव के आग्रह पर अपने पापों का क्षमा पाने के लिए शिव जी की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं।

14 अक्टूबर 2023, शनिवार: महालय श्राद्ध पक्ष पूर्ण, अमावस्या

14 अक्टूबर 2023 को शनिवार को महालय श्राद्ध का आयोजन होगा, जिसमें पितृदेवों की आत्मा को शांति दिलाने के लिए श्राद्ध की जाती है। यह दिन पितृपक्ष के अंत में आता है और परिपूर्णिमा के दिन होता है, जिसे अमावस्या के रूप में माना जाता है। इस दिन लोग अपने पूर्वजों की आत्मा को श्रद्धा और आदर से याद करते हैं और उनके लिए श्राद्ध करते हैं ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले।

15 अक्टूबर 2023, रविवार: शरद ऋतू का स्वागत, अग्रसेन जयंती, और नवरात्री की शुरुआत

15 अक्टूबर 2023 को रविवार को शरद ऋतू का स्वागत होगा, जो खुशी के साथ मनाया जाता है। इसी दिन भगवान अग्रसेन की जयंती मनाई जाएगी, और नवरात्री के पावन दिनों की शुरुआत होगी, जिसमें भगवानी दुर्गा की पूजा की जाएगी। नवरात्री एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो देवी दुर्गा की महालक्ष्मी, सरस्वती, और कालरात्रि रूप में पूजा जाता है और भक्तगण नौ दिनों तक उनकी भक्ति और पूजा करते हैं। इस त्योहार के दौरान धार्मिक आत्मा की उन्नति और सुख-शांति की कामना की जाती है।

16 अक्टूबर 2023, सोमवार: सोमवार व्रत, सिंधारा दूज, और चंद्र दर्शन

16 अक्टूबर 2023 को सोमवार है, जो भगवान शिव के प्रिय दिन के रूप में जाना जाता है। इस दिन भक्तगण शिव जी की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। सिंधारा दूज भी इसी दिन मनाया जाता है, जिसमें मां सिंधारा की पूजा की जाती है। इस दिन भक्तगण सिंधारा ले जाकर अपने प्रिय देवी के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। चंद्र दर्शन का आयोजन भी इस दिन होता है, जिसमें चंद्रमा की पूजा की जाती है।

18 अक्टूबर 2023, बुधवार: वरद चतुर्थी और तुला संक्रांति

18 अक्टूबर 2023 को वरद चतुर्थी का आयोजन होगा, जिसमें भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन भक्तगण विशेष रूप से गणेश जी की आराधना करते हैं और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। तुला संक्रांति भी इसी दिन मनाई जाती है, जिसे पूरे देश में विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे वर्ष की महत्वपूर्ण खेती के समय के रूप में जाना जाता है और इसे धान की पूजा के साथ मनाया जाता है।

19 अक्टूबर 2023, गुरुवार: ललित पंचमी

19 अक्टूबर 2023 को ललित पंचमी का आयोजन होगा, जिसमें भगवती ललिता की पूजा की जाती है। यह त्योहार भक्तगण के लिए भगवती की आराधना के लिए एक महत्वपूर्ण मौका होता है, और इसे विशेष भक्ति और समर्पण के साथ मनाते हैं। इस दिन भक्तगण भगवती के चित्र, मूर्ति, या यंत्र की पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

20 अक्टूबर 2023, शुक्रवार: षष्टी और सरस्वती आवाहन

20 अक्टूबर 2023 को शुक्रवार को षष्टी का आयोजन होगा, जिसमें भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। षष्टी त्योहार पर मां कात्यायनी का व्रत रखा जाता है, और उनकी कृपा की प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती है। इसी दिन सरस्वती आवाहन भी मनाया जाता है, जिसमें भगवान सरस्वती की पूजा की जाती है और उनके आगमन की प्रार्थना की जाती है।

21 अक्टूबर 2023, शनिवार: दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा

 

अक्टूबर 2023 के प्रमुख व्रत और त्योहार

 

21 अक्टूबर 2023 को शनिवार को दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा का आयोजन होगा। दुर्गा पूजा, महालक्ष्मी, सरस्वती की पूजा के साथ मनाई जाती है, और इसे नवरात्री के महत्वपूर्ण दिनों में मनाने का भाग होता है। सरस्वती पूजा में भगवानी सरस्वती की पूजा की जाती है, और विद्या और ज्ञान की मांग की जाती है।

22 अक्टूबर 2023, रविवार: दुर्गाष्टमी व्रत, दुर्गाष्टमी, सरस्वती विसर्जन

22 अक्टूबर 2023 को रविवार को दुर्गाष्टमी व्रत का आयोजन होगा, जिसमें मां दुर्गा की पूजा की जाती है। दुर्गाष्टमी व्रत भक्तगण के लिए महत्वपूर्ण है, और इसे भगवती दुर्गा के प्रति उनकी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। सरस्वती विसर्जन और सरस्वती बलिदान भी इसी दिन होते हैं, जिनमें भगवानी सरस्वती की पूजा की जाती है और उनके आगमन का विदाई किया जाता है।

23 अक्टूबर 2023, सोमवार: महा नवमी

23 अक्टूबर 2023 को सोमवार को महा नवमी का आयोजन होगा, जिसमें नवरात्री के अंत में मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इस दिन भक्तगण दुर्गा माता की पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। नवरात्री के नौ दिनों की महान पराक्रमी भगवती की पूजा और उनके गुणों की महिमा की जाती है।

24 अक्टूबर 2023, मंगलवार: विजय दशमी

24 अक्टूबर 2023 को मंगलवार को विजय दशमी का आयोजन होगा, जिसे दशहरा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भक्तगण दशहरा मेले का आयोजन करते हैं और भगवान राम के विजय को समर्पित करते हैं। यह त्योहार भगवान राम के द्वारका विजय के रूप में मनाया जाता है और इसे धर्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाने का भाग होता है।

25 अक्टूबर 2023, बुधवार: पापांकुशा एकादशी और भारत मिलाप

25 अक्टूबर 2023 को बुधवार को पापांकुशा एकादशी का आयोजन होगा, जिसमें भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन भक्तगण उपवास करते हैं और विष्णु जी की आराधना करते हैं। भारत मिलाप भी इसी दिन हुआ था, जब भगवान श्रीराम अपनी पत्नी सीता को वापस पाये थे। यह दिन धर्मिकता और भक्ति का महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है और इसे आदर्श परंपराओं के साथ मनाया जाता है।

26 अक्टूबर 2023, गुरुवार: प्रदोष व्रत

26 अक्टूबर 2023 को गुरुवार को प्रदोष व्रत का आयोजन होगा, जिसमें भगवान शिव की पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत भक्तगण के लिए महत्वपूर्ण होता है और इसे भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए प्रार्थना करने का अच्छा मौका माना जाता है। इस दिन भक्तगण विशेष रूप से शिव जी की आराधना करते हैं और उनके गुणों की स्तुति करते हैं।

28 अक्टूबर 2023, शनिवार: वाल्मीकि जयंती, सत्य व्रत, पूर्णिमा व्रत, पूर्णिमा, सत्य व्रत, शरद पूर्णिमा, कार्तिक स्नान, काजोगरा पूजा

28 अक्टूबर 2023 को शनिवार को वाल्मीकि जयंती का आयोजन होगा, जिसमें भगवान वाल्मीकि की पूजा की जाती है। इस दिन सत्य व्रत, पूर्णिमा व्रत, और शरद पूर्णिमा का आयोजन भी होता है। सत्य व्रत में भक्तगण उपवास करते हैं और ध्यान करते हैं। शरद पूर्णिमा को कार्तिक स्नान के रूप में मनाया जाता है, और काजोगरा पूजा भी इस दिन होती है, जिसमें भगवानी काजोगरा की पूजा की जाती है।

31 अक्टूबर 2023, मंगलवार: रोहिणी व्रत

31 अक्टूबर 2023 को मंगलवार को रोहिणी व्रत का आयोजन होगा, जिसमें भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन भक्तगण उपवास करते हैं और भगवान विष्णु की आराधना करते हैं। रोहिणी व्रत का पालन करके भक्तगण भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

ये थे अक्टूबर 2023 के प्रमुख व्रत और त्योहारों के बारे में जानकारियां। इन धार्मिक आयोजनों को भक्ति और पूजा के साथ मनाने से आपके जीवन में शांति, खुशियां, और समृद्धि आ सकती हैं।

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