10 Big Cyber Crimes That Shook the World



दुनिया को हिलाने वाले 10 महत्वपूर्ण साइबर अपराधों  (10 Big Cyber Crimes That Shook the World) में से कुछ ऐसे हैं जिनका प्रभाव आम जनता और साइबर सुरक्षा के विशेषज्ञों के बीच महसूस हुआ है। ये घटनाएं वैश्विक स्तर पर धमाका मचाकर रह गई हैं और साइबर(Cyber Crimes) की दुनिया में तबाही का कारण बन गई हैं। इस लेख में, हम इनमे से कुछ प्रमुख घटनाओं को देखेंगे और उनके प्रमुख विशेषताओं को विस्तार से जानेंगे।
 
 
10 Big Cyber Crimes That Shook the World


10 Big Cyber Crimes That Shook the World दुनिया को हिलाने वाले 10 महत्वपूर्ण साइबर अपराध

आधुनिक डिजिटल युग में साइबर अपराधों (Cyber Crimes) का बढ़ता हुआ खतरा बड़े पैमाने पर व्याप्त हो चुका है। ये साइबर अपराधी उच्च तकनीकी कौशल का उपयोग करके विभिन्न क्षेत्रों में हमले करते हैं और दुनिया भर को हिला देते हैं। ये अपराध व्यापार, सरकारी संगठन, व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं और समान्य जनता को प्रभावित करते हैं। इन साइबर अपराधों (Cyber Crimes) के पीछे अक्सर आर्थिक, राजनीतिक या जासूसी मकसद होते हैं। आइए जानते हैं दुनिया को हिलाने वाले 10 महत्वपूर्ण साइबर अपराधों के बारे में
 

1. वर्ल्डकॉम धोखाधड़ी (Worldcom Fraud)


२००२ में वर्ल्डकॉम धोखाधड़ी के घटना के पीछे का रहस्य दुनिया के सामने आया। यह एक साइबर अपराध
(Cyber Crimes) था जिसमें एक रूसी हैकर ने वर्ल्डकॉम के सिस्टम में घुसकर लाखों ग्राहकों के व्यक्तिगत जानकारी को हैक कर लिया था। यह धोखाधड़ी एक ऐतिहासिक साइबर अपराध (Cyber Crimes) के रूप में दुनिया के ध्यान को आकर्षित कर गई।

वर्ल्डकॉम धोखाधड़ी (Worldcom Fraud)

धोखाधड़ी के पीछे का कारण:(Reason behind the fraud:)

वर्ल्डकॉम धोखाधड़ी के पीछे के कारणों में विभिन्न तत्व थे जो इस घटना को संभावित बनाते हैं। यहां कुछ मुख्य कारणों को देखा जा सकता है:

१. साइबर अपराध
(Cyber Crimes)  की चपेट में आना: वर्ल्डकॉम धोखाधड़ी में साइबर अपराधियों ने वर्ल्डकॉम के सिस्टम के अल्पसंख्यक कमजोर बिंदुओं का फायदा उठाया। इससे वे एक बड़ी राशि कमाने के लिए उत्साहित हुए।
2. सुरक्षा के कमी: वर्ल्डकॉम के सिस्टम में उच्च सुरक्षा नहीं थी, जिससे साइबर अपराधियों को इसे हैक करने में आसानी हुई। यह सुरक्षा की कमी साइबर अपराधियों के लिए एक बड़ा अवसर था जिसका वे फायदा उठाएं।

 

धोखाधड़ी की घटना:

वर्ल्डकॉम धोखाधड़ी की घटना २००२ में दर्ज हुई। रूसी हैकर ने वर्ल्डकॉम के सिस्टम में घुसकर लाखों ग्राहकों के व्यक्तिगत जानकारी को हैक किया। उन्होंने इस घटना में वर्ल्डकॉम के ग्राहकों के नाम, पता, ईमेल आईडी, क्रेडिट कार्ड नंबर, बैंक खाता और फोन नंबर जैसी महत्वपूर्ण जानकारी चोरी कर ली थी।

इस घटना के कारण लाखों ग्राहकों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा और उन्हें अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए अधिक सतर्क होने की आवश्यकता पड़ी

। इससे वर्ल्डकॉम की छवि पर भी असर पड़ा और लोगों की विश्वासघात की स्थिति पैदा हुई।

2. टीजीएस अपघात:-(TGS Accidents)

टीजीएस अपघात एक महत्वपूर्ण साइबर अपराध था जो वर्ष २०१५ में हुआ था। इस अपघात में टीजीएस (टोक्यो गैस एलेक्ट्रिक शियोका) नामक एक जापानी कंपनी के कंप्यूटर नेटवर्क में साइबर हमले का सामना हुआ था। इस हमले के चलते लाखों ग्राहकों के व्यक्तिगत जानकारी चोरी हो गई थी।

टीजीएस अपघात ने विश्व को साइबर सुरक्षा के मामले में जागरूक किया। इससे साइबर अपराधियों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की आवश्यकता का समझावा दिया गया। कंप्यूटर नेटवर्क की सुरक्षा को मज़बूत बनाने के लिए तकनीकी उन्नति का ज़रूरीता को भी बताया गया।

टीजीएस अपघात ने लोगों को ईमानदारी से अपनी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा करने की आवश्यकता का भी अहसास किया। साइबर सुरक्षा के मामले में सतर्कता बढ़ाने का संदेश भी लोगों तक पहुंचाया गया और इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग का प्रोत्साहन किया गया। इससे लोग अपनी साइबर सुरक्षा को लेकर ज्यादा सतर्क और जागरूक बने।
 

धोखाधड़ी के पीछे का कारण:(Reason behind the fraud:

 धोखाधड़ी के पीछे के कारण विभिन्न हो सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख कारणों का उल्लेख किया गया है:

१. आर्थिक आकस्मिकता: कई बार लोगों को आर्थिक समस्याएं होती हैं और धोखाधड़ी उन्हें धन कमाने का एक आसान रास्ता लगती है। धोखाधड़ी करने वाले लोग इससे अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करने का प्रयास करते हैं।

२. लालच: कुछ लोग लालच के चलते धोखाधड़ी करते हैं। वे अधिक पैसे और सामृद्धि प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं और इसलिए आम लोगों को धोखे से फँसाते हैं।

३. विश्वासघात: धोखाधड़ी करने वाले लोग आम तौर पर अपने शिकारों का विश्वास जीतते हैं और उन्हें गलत जानकारी देते हैं जिससे वे धोखे में आ जाते हैं।

४. तनाव और चिंता: कई बार लोग तनाव और चिंता के कारण विश्वासघात करने का सामना करते हैं। वे इससे अपने तनाव को कम करने का प्रयास करते हैं।

५. तेजी से धन कमाने की इच्छा: कुछ लोग तेजी से धन कमाने की इच्छा रखते हैं और उन्हें धोखाधड़ी एक आसान रास्ता लगती है। वे इसलिए धोखाधड़ी करते हैं ताकि वे जल्दी से धन कमा सकें।

इन सभी कारणों के साथ-साथ, धोखाधड़ी करने वाले लोगों में ईमानदारी और नैतिकता की कमी होती है और वे दूसरों के हानि को नज़रअंदाज़ करते हैं। धोखाधड़ी एक अमानवीय और गैर-इंसानी क्रिया है जो समाज के नियमों और नैतिकता के ख़िलाफ़ होती है। इसलिए, समाज को साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहने की ज़रूरत होती है और साइबर सुरक्षा के उपायों का उपयोग करना चाहिए।

3. सोनी पिक्चर्स हैक:(Sony Pictures Hack:)

२०१४ में सोनी पिक्चर्स हैक एक भयानक साइबर अपराध था जिसमें सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट कंपनी को हैकर्स ने आक्रमण किया था। इस हैकिंग आक्रमण में हैकर्स ने सोनी पिक्चर्स के सिस्टम में घुसकर लाखों डॉक्यूमेंट्स, ईमेल, और अन्य व्यक्तिगत जानकारी को हस्तांतरित कर लिया था। इससे वे सोनी पिक्चर्स कंपनी को बड़े आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा और कंपनी की छवि पर भी असर पड़ा।

इस घटना के पीछे का कारण विभिन्न था, लेकिन इसमें सेंसेशनल फ़िल्म 'द इंटरव्यू' के एक सीन को लेकर बहस भी शामिल थी। सोनी पिक्चर्स के सिस्टम के कमजोर बिंदुओं का फायदा उठाकर हैकर्स ने इस आक्रमण को किया था।

इस हैकिंग आक्रमण से सोनी पिक्चर्स को बहुत बड़ा नुकसान हुआ और इसने उन्हें साइबर सुरक्षा के महत्व को समझाया। इससे लोग साइबर सुरक्षा के प्रति अधिक सतर्क हो गए और कंपनियां भी अपनी सुरक्षा तंत्रों को मजबूत करने के लिए कदम उठाने लगीं। साइबर सुरक्षा के उपायों को लागू करके हम सभी साइबर अपराधियों के खिलाफ मिलकर लड़ सकते हैं और इस तरीके से अपनी जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं।

4. वन मार्केट आपरेशन (One Market Operation)


२०१३ में वन मार्केट आपरेशन एक भयानक साइबर अपराध था जिसने डार्क वेब पर एक बड़े गैरकानूनी बाजार को उभारा। इस बाजार में विभिन्न प्रकार की गैरकानूनी गतिविधियों के लिए वस्तुएं बिक रही थीं, जैसे नशीली दवाएँ, हैकिंग साधने, धूम्रपान सामग्री, विदेशी मुद्रा के लेन-देन, और आतंकवादी हमलों के लिए हथियार आदि। इस घटना ने साइबर अपराधियों को बढ़ावा दिया।

वन मार्केट आपरेशन ने साइबर सुरक्षा के मामले में लोगों को सतर्क बनाया और उन्हें इंटरनेट पर अपनी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए अधिक सतर्कता बढ़ाने की जरूरत महसूस कराई। सरकारें और विभाग भी साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए कदम उठाए और उपयुक्त तकनीकों का उपयोग करने के लिए कार्रवाई की। वन मार्केट आपरेशन ने साइबर अपराधों के खिलाफ जागरूकता फैलाई और सुरक्षा में सुधार के लिए लोगों को प्रेरित किया।

5 . NotPetya: वाइपर मैलवेयर हमला

NotPetya, jo ki "वाइपर" मैलवेयर के रूप में जाना जाता है, एक भयानक साइबर हमला था जो जून 2017 में हुआ। पारंपरिक रैंसमवेयर के विपरीत, NotPetya का उद्देश्य धन की मांग करने के बजाय डेटा को नष्ट करना था। इसका मुख्य लक्ष्य  यूक्रेनी संगठन था, लेकिन यह जल्दी से अन्य देशों में फैल गया और बड़ा क्षति पहुंचाया।

NotPetya  संक्रमित ईमेल अटैचमेंट्स और संकलित सॉफ्टवेयर  के माध्यम से फैलता था। एक बार किसी सिस्टम में प्रवेश करने पर, यह विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में मौजूद डेटा  को प्रभावित करने के लिए इनकी कमजोरियों का लाभ उठाता था और नेटवर्क में फैलने का प्रयास करता था। यह EternalBlue खोज का उपयोग करता था, जो पहले यूएस नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (NSA) द्वारा विकसित किया गया था और शैडो ब्रोकर्स नामक हैकर समूह द्वारा लीक किया गया था।

संक्रमण के बाद, NotPetya ने मास्टर फ़ाइल टेबल (MFT) को एन्क्रिप्ट कर देता था , जिससे प्रभावित सिस्टम की फ़ाइलें और ऑपरेटिंग सिस्टम इंविसाबले  हो जाते थे । फिर इसने एक रैंसम की मांग की और डेक्रिप्शन की  के लिए राशि मांगी जाती थी ,अन्य रैंसमवेयर हमलों की तरह।

2017 में, NotPetya साइबर हमले ने वैश्विक रूप से कई संगठनों पर हमला किया और बिलियन डॉलरों  का नुकसान पहुंचाया। इसको रैंसमवेयर के रूप में मास्किंग किया गया था, हालांकि NotPetya वाइपर मैलवेयर था जो संक्रमित सिस्टमों से डेटा को मिटा देता था। 

6.WannaCry: रैंसमवेयर

WannaCry रैंसमवेयर एक बड़ा साइबर अपराध था जो 2017 में हुआ था। यह एक जानलेवा वायरस था जो कंप्यूटर और नेटवर्क को प्रभावित करता था।  WannaCry रैंसमवेयर का प्रसार विशेष रूप से अनुप्रयोगों और नेटवर्कों के माध्यम से हुआ था। यह एक बार किसी कंप्यूटर या नेटवर्क में प्रवेश कर जाता था, तो इसे अन्य कंप्यूटर और नेटवर्कों में भी तेजी से फैलने की क्षमता थी।

जब यह रैंसमवेयर किसी कंप्यूटर में प्रवेश कर जाता था, तो यह उसकी फ़ाइलें और डेटा को एनक्रिप्ट कर देता था, जिससे उन्हें अनअनलॉक करने के लिए रैंसम मांगा जाता था। इसमें पीड़ितों को बिटकॉइन के रूप में रियल धन में रैंसम देने की निवेदन किया जाता था।

WannaCry रैंसमवेयर ने विश्वभर में लाखों कंप्यूटरों और नेटवर्कों को प्रभावित किया और इससे बड़ी आर्थिक हानि हुई। यह हमला साइबर सुरक्षा के मामले में एक बड़े संकट को उजागर करता है और लोगों को सावधान रहने के लिए प्रोत्साहित करता है। साइबर सुरक्षा के उपायों का उपयोग करके लोग इस तरह के धोखाधड़ी से बच सकते हैं।

7.WannaCry: रैंसमवेयर


इक्विफ़ैक्स डेटा उल्लंघन एक महत्वपूर्ण साइबर अपराध था जो वर्ष २०११ में सामने आया था। इस अपराध में इक्विफ़ैक्स नामक एक साइबर सुरक्षा कंपनी के सर्वरों से लाखों ग्राहकों की निजी जानकारी चोरी हो गई थी।

इक्विफ़ैक्स डेटा उल्लंघन ने लोगों को साइबर सुरक्षा के महत्व को बताया और उन्हें निजी जानकारी की सुरक्षा करने की ज़रूरत को समझाया। इस हमले से लोग अपने नेटवर्क और डिवाइसों की सुरक्षा को मज़बूत बनाने के लिए तकनीकी उन्नति को भी समझने लगे।

इक्विफ़ैक्स डेटा उल्लंघन ने विश्व को साइबर अपराधों के खिलाफ जागरूक किया और सुरक्षा के मामले में सतर्कता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। इससे लोग अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए ज्यादा सतर्क हुए और साइबर सुरक्षा के उपायों का प्रयोग करने लगे। इससे लोग साइबर अपराधियों के खिलाफ सजग और तत्पर रहने के लिए प्रेरित हुए।

8 .वन स्वीच बैंक हैकिंग:


वन स्वीच बैंक हैकिंग एक बड़ा साइबर अपराध था, जिसमें २०१६ में बैंकों को हैक किया गया था। इस हैकिंग के तहत एक बैंक के स्विचिंग सिस्टम में गड़बड़ी कर दी गई थी, जिससे बैंक के ग्राहकों के द्वारा किए गए लेन-देन को हैकर्स ने कंट्रोल कर लिया था। इससे लाखों ग्राहकों के खाते से पैसे चोरी किए गए थे और बैंक को भारी नुकसान हुआ था।

वन स्वीच बैंक हैकिंग ने बैंकों को साइबर सुरक्षा के महत्व को समझाया और उन्हें अपनी तंत्रों को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद से बैंक सुरक्षा में कई सुधार हुए और वे साइबर अपराधियों के खिलाफ जितने सक्षम हो सकें, उतने सक्षम बन गए। वन स्वीच बैंक हैकिंग ने लोगों को सतर्क बनाया और उन्हें विश्वास करने पर संकोच आने के लिए प्रेरित किया। साइबर सुरक्षा में सुधार के मामले में बैंकों ने सकारात्मक कदम उठाए और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए उचित तकनीकों का उपयोग करना शुरू किया।

9 . वन मशीनिंग इंडिया हैकिंग


वन मशीनिंग इंडिया हैकिंग एक महत्वपूर्ण साइबर अपराध था, जो २०१६ में भारतीय कंपनियों को आक्रमण किया गया था। इस हैकिंग में भारतीय उद्योग क्षेत्र के कई बड़े-बड़े कंपनियों के संगठनात्मक और तकनीकी सिस्टम में दक्षिण अफ्रीकी साइबर अपराधियों ने घुसा मारा था। इससे उन्हें उन कंपनियों के निजी जानकारी और बिजनेस रूपांतर की जानकारी मिली थी।

वन मशीनिंग इंडिया हैकिंग ने भारतीय कंपनियों को साइबर सुरक्षा के महत्व को समझाया और उन्हें अपनी सुरक्षा तंत्रों को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया। इस घटना के बाद से भारतीय कंपनियां साइबर अपराधियों के खिलाफ सतर्क हो गईं और उन्होंने सुरक्षा में सुधार किए। साइबर सुरक्षा में बेहतरी के लिए वे उचित तकनीकों का उपयोग करने लगीं और अपनी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए सख्त नियमों का पालन करने लगीं। वन मशीनिंग इंडिया हैकिंग ने देश को साइबर सुरक्षा में जागरूक किया और उन्हें साइबर अपराधियों के खिलाफ सजग रहने के लिए प्रेरित किया।

10.कैंब्रिज एनालिटिका घोटाला:


कैंब्रिज एनालिटिका घोटाला एक बड़ा साइबर अपराध था जो 2018 में सामने आया था। यह घोटाला विश्वभर के लोगों की निजी जानकारी चोरी करने के लिए विशेष तकनीक का उपयोग किया गया था।

कैंब्रिज एनालिटिका घोटाला के चलते लाखों लोगों की सोशल मीडिया जानकारी चोरी हो गई थी, जिससे उन्हें प्रभावित किया जा सकता था। इस घोटाले का उद्देश्य था लोगों के विचारों और पसंदों को समझकर उन्हें विशेष तरीके से प्रभावित करना और इसका उपयोग विभिन्न प्रचार-प्रसार के लिए किया गया था।

कैंब्रिज एनालिटिका घोटाला ने लोगों को साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्क बनाया और विश्वासघात करने से बचने के लिए जागरूक किया। इससे लोग अपनी सोशल मीडिया जानकारी की सुरक्षा करने के लिए ज्यादा सतर्क बने और साइबर सुरक्षा के उपायों का प्रयोग करने लगे। इससे साइबर अपराधियों के खिलाफ सजगता में वृद्धि हुई और लोग अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक हुए।

साइबर अपराध के  प्रश्नों के उत्तर

१. साइबर अपराध क्या है?

साइबर अपराध इंटरनेट या कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से किए जाने वाले अपराधिक क्रियाएं होती हैं। इसमें डेटा चोरी, हैकिंग, वायरस, फिशिंग, ऑनलाइन धोखाधड़ी आदि शामिल होते हैं।

२. साइबर अपराधियों का उद्देश्य क्या होता है?

साइबर अपराधियों का उद्देश्य व्यक्तिगत या संस्थानिक जानकारी को चोरी करना, धन कमाना, राजनीतिक और आर्थिक हानि पहुंचाना और संगठनों को नुकसान पहुंचाना होता है।

३. साइबर अपराधियों का प्रकार क्या है?

साइबर अपराधियों के प्रकार में हैकिंग, वायरस, फिशिंग, फ्रॉड, डेटा चोरी, ऑनलाइन धोखाधड़ी, डॉस अटैक, इथिकल हैकिंग आदि शामिल होते हैं।

४. साइबर अपराधों को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है?

साइबर अपराधों को रोकने के लिए सक्रिय अंतरणेशन के तकनीक, फ़ायरवॉल, एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर, साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण, सतर्कता आदि उपाय अपनाए जा सकते हैं।

५. फिशिंग क्या है और इससे बचने के लिए क्या किया जा सकता है?

फिशिंग एक तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी है जिसमें अपराधी फर्जी ईमेल, वेबसाइट या संदेश भेजकर व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करते हैं। इससे बचने के लिए फ़ायरवॉल, सतर्कता और जागरूकता के साथ ईमेल और वेबसाइटों की सत्यता का परीक्षण करना ज़रूरी होता है।

६. वायरस क्या होते हैं और इनसे बचने के लिए क्या करें?

वायरस कंप्यूटर प्रोग्राम होते हैं जो कंप्यूटर की संरचना को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनसे बचने के लिए एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर और सतर्कता अपनाना ज़रूरी होता है।

७. फ्रॉड क्या है और इससे बचने के लिए क्या करें?

फ्रॉड भ्रष्टाचारी उद्देश्य से व्यक्तिगत जानकारी

 को चोरी करने की एक प्रक्रिया है। इससे बचने के लिए फ़ोन या ईमेल पे न हों, न किसी अज्ञात व्यक्ति को पैसे भेजें और वेबसाइटों की सत्यता का परीक्षण करें।

८. साइबर अपराधों का प्रभाव क्या होता है?

साइबर अपराधों का प्रभाव व्यक्तिगत या संस्थानिक जानकारी को नुकसान पहुंचाने, धन की हानि, विश्वासघात, और आर्थिक नुकसान जैसे परिणामों का होता है।

९. साइबर अपराध की सज़ा क्या होती है?

साइबर अपराध की सज़ा देश के कानूनों और अपराध के प्रकार पर निर्भर करती है, जिसमें जुर्माना, सज़ा या क़ैद हो सकती है।

१०. साइबर सुरक्षा क्यों महत्वपूर्ण है?

साइबर सुरक्षा इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा का ध्यान रखने के लिए महत्वपूर्ण है ताकि उनकी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी चोरी न हो। साइबर सुरक्षा से व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत जानकारी और फ़ाइलें सुरक्षित रख सकते हैं और ऑनलाइन अपराधियों से बच सकते हैं।

११. साइबर सुरक्षा कैसे बढ़ाएं?

साइबर सुरक्षा बढ़ाने के लिए अधिक सतर्कता, सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग, नियमित सॉफ़्टवेयर अपडेट, वायरलेस नेटवर्क को सुरक्षित बनाना, और एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें।\

१२. साइबर सुरक्षा के लिए कौन-कौन सी तकनीकें उपयोगी हैं?

साइबर सुरक्षा के लिए फ़ायरवॉल, एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर, वीपीएन, एंटी-मैलवेयर सॉफ़्टवेयर, और सतर्कता अपनाने की तकनीकें उपयोगी हैं।

१३. साइबर अपराधियों का पता लगाने में किस तकनीक का उपयोग किया जाता है?

साइबर अपराधियों का पता लगाने में साइबर फ़ोरेंसिक तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिससे अपराधियों के पीछे के व्यक्ति का पता लगाया जा सकता है।

१४. साइबर सुरक्षा में जागरूकता का महत्व क्या है?

साइबर सुरक्षा में जागरूकता का महत्व व्यक्ति को साइबर अपराधियों से बचाता है और उन्हें सतर्क बनाता है।

१५. साइबर सुरक्षा नियमित

 रूप से क्यों अपडेट करनी चाहिए?
साइबर सुरक्षा को नियमित रूप से अपडेट करने से सुरक्षित रखा जा सकता है और ऑनलाइन अपराधियों से बचा जा सकता है।

१६. साइबर सुरक्षा में शब्द-संरचना एवं पासवर्ड कैसे रखना चाहिए?

साइबर सुरक्षा में शब्द-संरचना को जटिल और अनुसरणीय बनाएं और पासवर्ड को नियमित अंतराल पर बदलते रहें।

१७. सोशल मीडिया पर साइबर सुरक्षा कैसे बढ़ाएं?

सोशल मीडिया पर साइबर सुरक्षा को बढ़ाने के लिए नियमित अंतराल पर पासवर्ड बदलें, अज्ञात व्यक्तियों को फ़्रेंड न बनाएं, व्यक्तिगत जानकारी शेयर न करें।

१८. साइबर सुरक्षा जागरूकता कैसे फैलाएं?

साइबर सुरक्षा जागरूकता को फैलाने के लिए सोशल मीडिया, वेबसाइटें, सेमिनार, वेबिनार आदि का उपयोग किया जा सकता है।

१९. साइबर सुरक्षा के लिए सरकार क्या कर रही है?

सरकार साइबर सुरक्षा के लिए विभिन्न नीतियों और कानूनों को बना रही है और साइबर अपराधियों के प्रति सख़्ती से कार्रवाई कर रही है।

२०. साइबर सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी क्या है?

साइबर सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी में सतर्कता, सुरक्षित पासवर्ड, साइबर सुरक्षा जागरूकता, विश्वासघात न करना, और अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखना शामिल है।

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