Devi Mantras :नवदुर्गा मंत्र अर्थ सहित भाग-2


हिंदू धर्म में देवी मंत्रों (Devi Mantras) का अत्यधिक महत्व है दैवीय आशीर्वाद प्राप्त करने की उनकी शक्ति अद्वितीय है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम भाग 1 से आगे बढ़ते हुए, नवदुर्गा मंत्रों के अर्थ और व्याख्याओं पर गहराई से चर्चा करते हैं। ये पवित्र मंत्र आध्यात्मिक विकास और ज्ञानोदय का मार्ग प्रदान करते हैं।

नवदुर्गा मंत्र क्या हैं? What are Navadurga Mantras?

नवदुर्गा मंत्र देवी दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित शक्तिशाली मंत्रों का एक समूह है, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से भी जाना जाता है। प्रत्येक मंत्र दिव्य स्त्रीत्व के एक विशिष्ट पहलू से गूंजता है, जो भक्तों को देवी से जुड़ने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का साधन प्रदान करता है

Devi Mantras :नवदुर्गा मंत्र मंत्र अर्थ सहित

इस खंड में, हम देवी दुर्गा के नौ रूपों  को कवर करते हुए नवदुर्गा मंत्रों की जानेंगे ।

 

Devi Mantras :नवदुर्गा मंत्र मंत्र अर्थ सहित भाग-2


१. शैलपुत्री मंत्र (Shailputri Mantra):

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।

Meaning: I worship the daughter of the mountains, who brings desired fruits, who has a half-moon on her forehead, who rides a bull, and who holds a trident. She is known as Shailputri and is glorious.

मैं पर्वतराज हिमालय की पुत्री की पूजा करता हूं, जो वांछित फल देती  है, जिसके माथे पर आधा चंद्रमा है, जो बैल की सवारी करती है और जो त्रिशूल रखती है। वह शैलपुत्री के नाम से जानी जाती हैं और महिमामयी हैं।

शैलपुत्री मंत्र (Shailputri Mantra)


२. ब्रह्मचारिणी मंत्र (Brahmacharini Mantra):

दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

Meaning: I meditate upon Devi Brahmacharini, who holds a rosary and kamandalu (water pot), and is adorned with a sacred thread. O Goddess, please be gracious to me, the seeker of celibacy.

मैं देवी ब्रह्मचारिणी का ध्यान करता हूं, जो माला और कमंडलु (जल का बर्तन) रखती हैं, और पवित्र धागे से सुशोभित हैं। हे देवी, कृपया मुझ ब्रह्मचर्य साधक पर कृपा करें।

३. चंद्रघंटा मंत्र (Chandraghanta Mantra):

पिण्डजप्रवरारुढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघंटेति विश्रुता।।

Meaning: I adore Devi Chandraghanta, who rides a tiger and is adorned with a crescent moon on her forehead. She is surrounded by weapons and bestows her grace upon us.

मैं देवी चंद्रघंटा की पूजा करता हूं, जो बाघ की सवारी करती हैं और उनके माथे पर अर्धचंद्र सुशोभित है। वह हथियारों से घिरी हुई है और हम पर अपनी कृपा बरसाती है।

४. कूष्माण्डा मंत्र (Kushmanda Mantra):

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे।।

Meaning: I bow to Devi Kushmanda, who holds a pot full of divine nectar in one hand and a lotus in the other. She is the source of all creation and grants auspiciousness to us.

मैं देवी कुष्मांडा को प्रणाम करता हूं, जिनके एक हाथ में दिव्य अमृत से भरा कलश और दूसरे में कमल है। वह समस्त सृष्टि का स्रोत हैं और हमें शुभता प्रदान करती हैं।

५. स्कंदमाता मंत्र (Skandamata Mantra):

सिंघासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी।।

Meaning: I pray to Devi Skandamata, who is always seated on a lion and holds her divine son Skanda in her lap. May she bestow her blessings upon us.

मैं देवी स्कंदमाता से प्रार्थना करता हूं, जो सदैव सिंह पर विराजमान रहती हैं और अपने दिव्य पुत्र स्कंद को अपनी गोद में रखती हैं। वह हमें अपना आशीर्वाद प्रदान करें।'


६. कात्यायनी मंत्र (Katyayani Mantra):

चंद्रहासोज्ज्वलकरा शारदिन्दुवदना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।


Meaning: I invoke Devi Katyayani, who has a radiant smile and a complexion like the full moon. She is the destroyer of demons and bestows auspiciousness.

मैं देवी कात्यायनी का आह्वान करता हूं, जिनकी उज्ज्वल मुस्कान और पूर्णिमा के चंद्रमा जैसा रंग है। वह राक्षसों का नाश करने वाली और शुभता प्रदान करने वाली है।

७. कालरात्रि मंत्र (Kalaratri Mantra):

एकवेणीजपात्तुर्गा भूतपापहराणि। कृपाना सम्प्रसादेन त्रैलोक्यस्यापदाम्बिका।।


Meaning: I meditate upon Devi Kalaratri, who is fierce and destroys the sins of all beings. May the compassionate goddess grant us her grace.

मैं देवी कालरात्रि का ध्यान करता हूं, जो उग्र हैं और सभी प्राणियों के पापों का नाश करती हैं। दयालु देवी हमें अपनी कृपा प्रदान करें।

८. महागौरी मंत्र (Mahagauri Mantra):

श्वेते वृषेसमारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।


Meaning: I worship Devi Mahagauri, who is mounted on a white bull and adorned in white attire. She grants auspiciousness and brings great joy to Lord Mahadev.

मैं देवी महागौरी की पूजा करता हूं, जो सफेद बैल पर सवार हैं और सफेद पोशाक में सुशोभित हैं। वह मंगल प्रदान करती है और भगवान महादेव को अत्यधिक प्रसन्न करती है।

९. सिद्धिदात्री मंत्र (Siddhidatri Mantra):

सिद्धगण्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।


Meaning: I adore Devi Siddhidatri, who is worshipped by Siddhas, Gandharvas, Yakshas, Asuras, and even by the gods. She bestows spiritual accomplishments upon her devotees.

मैं देवी सिद्धिदात्री की पूजा करता हूं, जिनकी पूजा सिद्धों, गंधर्वों, यक्षों, असुरों और यहां तक कि देवताओं द्वारा भी की जाती है। वह अपने भक्तों को आध्यात्मिक सिद्धियाँ प्रदान करती हैं।


देवी दुर्गा के नौ रूपों के आशीर्वाद और सुरक्षा का आह्वान करने के लिए नवरात्रि उत्सव के नौ दिनों के दौरान इन मंत्रों का जाप किया जाता है।

 

देवी के अन्य मंत्र और उनका लाभ

1. शैलपुत्री मंत्र:

ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः।
शैलपुत्री देवी का ध्यान करते समय इस मंत्र का जप करें। यह मंत्र उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करता है।

2. ब्रह्मचारिणी मंत्र:

ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः।
ब्रह्मचारिणी देवी के ध्यान में इस मंत्र का प्रयोग करें, जो ब्रह्मचर्य की शक्ति को स्थायी रूप से बढ़ावा देता है।

3. चंद्रघंटा मंत्र:

ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः।
चंद्रघंटा देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का प्रयोग करें, जो दुश्मनों से सुरक्षा प्रदान करता है।

4. कुष्मांडा मंत्र:

ॐ देवी कुष्मांडायै नमः।
कुष्मांडा देवी के मंत्र का जप करने से जीवन में नई उत्थान और सफलता प्राप्त होती है।

5. स्कंदमाता मंत्र:

ॐ देवी स्कंदमात्रे नमः।
स्कंदमाता देवी के मंत्र का उपयोग करें और संतान सुख को प्राप्त करें।

6. कात्यायनी मंत्र:

ॐ देवी कात्यायन्यै नमः।
कात्यायनी देवी के मंत्र का प्रयोग करके विवाहित जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त करें।

7. कालरात्रि मंत्र:

ॐ देवी कालरात्र्यै नमः।
कालरात्रि देवी के मंत्र का जप करके भयहीनता और सुरक्षा प्राप्त करें।

8. महागौरी मंत्र:

ॐ देवी महागौर्यै नमः।
महागौरी देवी के मंत्र का प्रयोग करके स्वास्थ्य और शुभ यात्रा प्राप्त करें।

9. सिद्धिदात्री मंत्र:

ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः।
सिद्धिदात्री देवी के मंत्र का जप करके सिद्धियों की प्राप्ति करें और सम्पूर्ण कष्टों से मुक्ति प्राप्त करें।

ये मंत्र भगवान दुर्गा की पूजा और आराधना के समय जप किए जा सकते हैं, और यह आपके जीवन में सुख, समृद्धि, और सामर्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।

 

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