DART Mission of NASA-नासा का डार्ट मिशन

DART Mission
PICTURE-NASA

आये दिन आकाश से धरती पर उल्का पिंड की बरसात होती रहती है लेकिन ये उल्का पिंड  धरती के वायुमंडल में प्रवेश करते ही जल जाता है जिससे हमें कोई खतरा नहीं है लेकिन भविस्य मैं हमारी धरती बहुत बड़े बड़े उल्का पिंड को झेल चुकी है जिससे काफी विनाश हुआ है इसका उदाहरण है धरती से डायनासोर का लुप्त होना इसकी को देखते हुए नासा ने २७ सितम्बर को DART Mission of NASA लांच किया 

DART Mission of NASA 

DART अब तक का पहला ऐसा मिशन है जो गतिज प्रभाव के माध्यम से अंतरिक्ष में क्षुद्रग्रह की गति को बदलकर इसे किसी और रस्ते परडाइवर्ट कर देगा इस मिशन मैं  के DART जानबूझकर एक लक्ष्य क्षुद्रग्रह से टकराएगा - जिससे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है अपनी गति और पथ को बदलने के लिए। DART का लक्ष्य पृथ्वी के निकट बाइनरी क्षुद्रग्रह प्रणाली डिडिमोस है, जो लगभग 780-मीटर (2,560-फुट) -डायमीटर लगभग 160-मीटर (530-फुट) -साइज़ का बना है।
DART Mission of NASA-नासा का डार्ट मिशन
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DART के टकराने से ये चूर-चूर हो गया। अभी इसका पूरा डाटा आने मैं  टाइम लगेगा ये परीक्षण इसलिए किया गया की फ्यूचर मैं अगर कोई  क्षुद्रग्रह टकराने वाला हो तो उसे रोका जा सके या उसके मार्ग को बदला जा सके। नासा के अनुशार पृथ्वी के आस पास ८००० से जयादा नियर एअर्थ ऑब्जेक्ट है अगर ये धरती से टकरा गया तो भीषण तबाही हो सकता है इसलिए फ्यूचर मैं इस तरह के तबाहीके लिए ये मिशन लांच किया गया  
DART Mission of NASA-नासा का डार्ट मिशन
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What is a near-Earth object नियर एअर्थ ऑब्जेक्ट किया है 

नियर एअर्थ ऑब्जेक्ट (NEO ) एक क्षुद्रग्रह या धूमकेतु है जिसकी कक्षा समय-समय पर इसे सूर्य के लगभग 121 मिलियन मील (195 मिलियन किलोमीटर) के भीतर लाती है - जो कि पृथ्वी की कक्षा के लगभग 30 मिलियन मील (50 मिलियन किलोमीटर) के भीतर है। ग्रहों की तरह, सभी क्षुद्रग्रह और धूमकेतु सूर्य की परिक्रमा करते हैं,हालांकि कुछ क्षुद्रग्रह भी ग्रहों या उससे भी बड़े क्षुद्रग्रहों की कक्षा में होते हैं। अधिकांश क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति के बीच भाग जिसे मुख्य बेल्ट कहते है मैं रहते है लेकिन लाखो बर्षो में, उनकी कक्षाओं को बृहस्पति और मंगल के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव ने बदल दिया और कुछ आपसी टकराव बदल गया पृथ्वी के वायुमंडल  मैं थ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने वाले NEO का विशाल बहुमत सतह पर पहुँचने से पहले ही विघटित हो जाता है (और पृथ्वी के वायुमंडल में प्रतिदिन 100 टन से अधिक धूल के कण बिखर जाते हैं)वे NEO जो आकार में लगभग 98 से 164 फीट (30 से 50 मीटर) से बड़े होते हैं। विघटित होने से बच सकते हैं और बे बायापक हानि पंहुचा सकते है

 

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