All You Need to Know About World's Top 10 Space Agencies

इस ब्लॉग में, हम विश्व की शीर्ष 10 अंतरिक्ष एजेंसियों (Top 10 Space Agencies ) के बारे में चर्चा करेंगे, जो अंतरिक्ष अन्वेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हम उनके इतिहास, सफलताएँ, चल रहे मिशन और अंतरिक्ष अनुसंधान पर विस्तृत चर्चा करेंगे। हम यहां NASA, Roscosmos, ESA, CNSA, ISRO, JAXA, CSA, UAESA, SANSA और AEB जैसी अंतरिक्ष एजेंसियों (Space Agencies) की मुख्य उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर बात करेंगे। यह ब्लॉग पाठकों को इन अंतरिक्ष एजेंसियों के प्रयासों, (Space Agencies) उपलब्धियों और योगदान के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। हम इन एजेंसियों के माध्यम से कैसे ब्रह्मांड की रहस्यमयी दुनिया को समझने की कोशिश कर रहे हैं, उनके अद्भुत प्रगति को देखेंगे और उनके नवीनतम मिशनों और अनुसंधान पर चर्चा करेंगे। इन अंतरिक्ष एजेंसियों के सहयोग से हम अंतरिक्ष अन्वेषण में और आगे बढ़ सकेंगे और ब्रह्मांड से संबंधित नई ज्ञान को प्राप्त कर सकेंगे।

All You Need to Know About World's Top 10 Space Agencies

 

दुनिया के शीर्ष 10 अंतरिक्ष एजेंसियाँ कौन कौन से है -The top 10 space agencies in the world

आइये जानते है दुनिया के शीर्ष 10 अंतरिक्ष एजेंसियाँ (Space Agencies) कौन कौन से है साथ में  उनके नवीनतम मिशनों और अनुसंधान पर चर्चा करेंगे। तो १०बे नम्बर से शुरु करते है की कौन सा Space Agencies १० नंबर पे है

10- ब्राजीली अंतरिक्ष एजेंसी (Brazilian Space Agency, AEB)

ब्राजीली अंतरिक्ष एजेंसी (Brazilian Space Agency, AEB) ब्राजील की मुख्य अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास संगठन है। इसका मुख्यालय ब्राजीलिया में स्थित है और यह ब्राजील सरकार द्वारा 10 फरवरी 1994 को स्थापित किया गया था। AEB का मुख्य उद्देश्य ब्राजील को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक आधिकारिक और अग्रणी राष्ट्रीय प्रतिष्ठान बनाना है।

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AEB अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास को प्रमुखतः तीन विभागों के माध्यम से संचालित करती है - संचार और नेविगेशन, विज्ञान और उपयोग तथा अन्तरिक्ष नीति और सुरक्षा। यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग के क्षेत्र में भी गतिविधियों में भाग लेता है और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग वाणिज्यिक संबंधों को विकसित करता है।

 

ब्राजीली अंतरिक्ष एजेंसी (Brazilian Space Agency, AEB)

AEB के पास विभिन्न मिशनों के लिए एक समर्पित टीम है जो अंतरिक्ष उपयोग और विज्ञान, उपग्रह निर्माण, अंतरिक्ष उड़ानों का विकास और उच्चस्तरीय तकनीकी अनुसंधान के क्षेत्र में योगदान देती है। इसके साथ ही, यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशनों में भी भाग लेता है और ग्लोबल स्पेस एजेंसीज के साथ सहयोग बढ़ाता है।

AEB द्वारा कार्रवाईयाँ लिया जाने वाला एक महत्वपूर्ण मिशन "अल्कांतरिक्ष यात्राएं" है, जिसका उद्देश्य सौर मंडल के पास के क्षेत्रों में भारतीय यात्रियों को ले जाना है। इसके साथ ही, AEB अंतरिक्ष विज्ञान, संचार, नेविगेशन, मानव अंतरिक्ष यात्रा, उपग्रह और अंतरिक्ष उड़ानों में अनुसंधान और विकास करता है।

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AEB ने भी ब्राजील के लिए सांख्यिकीय और वाणिज्यिक अंतरिक्ष उपयोग की विकसित करने की कोशिश की है। यह ब्राजील के लिए ग्राहकों के लिए उपयोगी सेवाएं प्रदान करता है, जैसे कि उपग्रह लॉन्चिंग, अंतरिक्ष सूचना प्रणाली, अंतरिक्ष कॉम्यूनिकेशन और अंतरिक्ष निगरानी।

ब्राजीली अंतरिक्ष एजेंसी(Space Agencies) वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण स्थान स्थापित कर रही है। इसका मुख्य उद्देश्य ब्राजीली वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नवीनतम अद्यतित तकनीकों का उपयोग करने और अंतर्राष्ट्रीय साथियों के साथ सहयोग करने में सहायता करना है।

09-दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी (South African National Space Agency)

अफ्रीकी राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी (Space Agencies) (सांसा) अफ्रीका में अंतरिक्ष अनुसंधान को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसकी स्थापना वर्ष 2010 में हुई थी और यह दक्षिण अफ्रीका द्वारा अंतरिक्ष कार्यक्रम को प्रशासित करने के लिए बनाई गई है। सांसा का मुख्यालय प्रेटोरिया, दक्षिण अफ्रीका में स्थित है।

सांसा का प्रमुख लक्ष्य दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए संसाधनों, ज्ञान, और प्रशिक्षण को सुगम बनाना है। सांसा अंतरिक्ष डेटा और गुणवत्ता मॉनिटरिंग, सांख्यिकीय विश्लेषण, अंतरिक्ष योजनाओं का विकास, और अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में शोध एवं विकास के लिए संसाधनों की प्रबंधन सहित विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित करती है।

 

दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी (South African National Space Agency)

सांसा विभिन्न उपग्रह, सांख्यिकीय उपकरण, तकनीकी संसाधन, और अंतरिक्षीय उपकरणों का उपयोग करके अंतरिक्ष से संबंधित डेटा को संकलित करती है। यह डेटा अधिकारियों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, और अन्य उपभोक्ताओं को प्रदान करके अंतरिक्ष संबंधित निर्णयों और नीतियों को पालन करता है।

सांसा विभिन्न क्षेत्रों में अंतरिक्ष अनुसंधान में भागीदारी करती है, जिनमें सांख्यिकीय विश्लेषण, भूवैज्ञानिकी, मौसम विज्ञान, और ग्लोबल नेविगेशन सिस्टम शामिल हैं। सांसा भू-विज्ञान और भू-संचार सूत्रों के विकास, जलवायु बदलाव के प्रभाव की निगरानी, जीवसंगठन और जलवायु के अध्ययन, और दक्षिण अफ्रीका के विकास में अंतरिक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान केंद्रित करती है।

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सांसा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA), नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA), रूसी अंतरिक्ष एजेंसी (ROSCOSMOS), चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (CNSA), और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) जैसी विभिन्न अंतरिक्ष एजेंसियों (Space Agencies) के साथ सहयोग और उच्चस्तरीय तकनीकी विभागों के साथ मिलकर काम करती है।

सांसा का उद्देश्य दक्षिण अफ्रीका के अंतरिक्ष क्षेत्र में नई उपलब्धियों की खोज करना, तकनीकी विभागों को प्रशिक्षित करना, और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से वैज्ञानिक और अन्य पेशेवरों की आवश्यकताओं को पूरा करना है। सांसा की गतिविधियों ने दक्षिण अफ्रीका को अंतरिक्ष अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया है ।

सांसा ने अपने स्थापना के बाद से कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण सांसा की उपलब्धियाँ हैं:

भू-संचार उपग्रह: सांसा ने विभिन्न भू-संचार उपग्रहों का निर्माण और प्रक्षेपण किया है जो दक्षिण अफ्रीका के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन उपग्रहों के माध्यम से संचार और टेलीकॉम्यूनिकेशन के क्षेत्र में मजबूती प्राप्त हुई है।

(Space Agencies) सांसा ने भू-विज्ञान के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे भू-निरीक्षण सेंसरों के उपयोग के माध्यम से भूमि के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करते हैं, जिसमें जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी, और भूस्खलन के प्रभाव की जांच शामिल है।

अंतरिक्ष और सांख्यिकीय विश्लेषण: सांसा ने अंतरिक्ष के डेटा के साथ काम करने के लिए विशेष सांख्यिकीय विश्लेषण तकनीकों का विकास किया है। यह डेटा अधिकारियों, वैज्ञानिकों, और राजनीतिक निर्णायकों को मदद करता है ताकि वे सही निर्णय ले सकें और राष्ट्रीय योजनाओं को आगे बढ़ा सकें।

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अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: सांसा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग करने के लिए भी गतिमान हुआ है। वे विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों, जैसे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष उपग्रह संगठन (आइएजीएसओ) के साथ सहयोग करते हैं। इसके माध्यम से सांसा दक्षिण अफ्रीका को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रतिनिधित्व प्रदान करता है और तकनीकी ज्ञान और अनुभव को साझा करता है।

योजनाएँ भविष्य के लिए: सांसा अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नई योजनाओं को विकसित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। वे अगले दशक में और आगे के वर्षों में  अंतरिक्ष मिशन और तकनीकी विकास की योजनाओं को शामिल करने की योजना बना रहे हैं।

08-संयुक्त अरब अमीरात अंतरिक्ष एजेंसी(United Arab Emirates Space Agency-UAESA)

संयुक्त अरब अमीरात अंतरिक्ष एजेंसी (United Arab Emirates Space Agency - UAESA) एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष संगठन है जो दुनिया भर में अपनी मान्यता बना चुका है। यह अद्यतन संसाधनों, तकनीकों और अनुसंधान के साथ अंतरिक्ष विज्ञान में मजबूती से अपना योगदान दे रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और उनकी खुदरा स्थापना के माध्यम से विज्ञान और तकनीक की सामरिक उच्चता में वृद्धि करना है।

UAESA Space Agencies की स्थापना 2014 में हुई थी और तब से ही वे अंतरिक्ष कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए प्रयासरत रहे हैं। इसके अधिकारी वाणिज्यिक और वैज्ञानिक उपक्रमों की योजना और क्रियान्वयन में शामिल होते हैं जो अंतरिक्ष उपग्रह, अंतरिक्ष मिशन, उपग्रह निर्माण, संचार उपकरण और अंतरिक्ष की जांच आदि क्षेत्रों में कार्यरत हैं।

 

संयुक्त अरब अमीरात अंतरिक्ष एजेंसी(United Arab Emirates Space Agency-UAESA)

UAESA के अभियांत्रिकी विभाग में उनकी अपार योगदान का उल्लेख करना महत्वपूर्ण है। उनके वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग दल ने विभिन्न उपग्रहों का निर्माण किया है, जिनमें मानव-रहित और अनुप्रयोगी उपग्रह शामिल हैं। UAESA ने मार्स मिशन और लूनर मिशन के लिए अपने उपग्रहों का उद्घाटन किया है और वे वर्तमान में मानवीय अंतरिक्ष यात्राओं के लिए भी तैयारी कर रहे हैं।

UAESA का विशेष महत्व उनके उपग्रह संचार और जागरूकता कार्यक्रमों में है। वे निजी क्षेत्रों के साथ सहयोग करके संचार और जागरूकता सेवाएं प्रदान करने में सक्षम हैं। UAESA के साथी उपग्रहों का उपयोग अंतरिक्ष आधारित दूरसंचार, वैज्ञानिक अनुभवों का संचार और जलवायु बदलाव की निगरानी में किया जाता है।

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UAESA ने एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शकी देकर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में भी योगदान दिया है। वे विभिन्न देशों के साथ सहयोग कर रहे हैं, जिनमें संयुक्त राष्ट्र और यूनेस्को शामिल हैं। UAESA ने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशनों में अपनी भूमिका को बढ़ावा दिया है और आगामी कार्यक्रमों के लिए सहयोग बढ़ाने का इरादा रखा है।

UAESA ने भूमिका निभाकर वैज्ञानिक अनुसंधान, नई तकनीकों के विकास, उपग्रह संचार और व्यापार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके नवीनतम उपलब्धियों में शामिल है उनकी सफल मार्स मिशन "आशा" जिसमें होप प्रोब ने लाल ग्रह का आवरण किया। इसके अलावा, UAESA ने उपग्रह संचार और विज्ञान के क्षेत्र में अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं में भी सक्रिय रूप से हिस्सा लिया है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विश्वसनीयता, नवाचार और योगदान के कारण, United Arab Emirates Space Agency (UAESA) एक मान्यता प्राप्त संगठन बन चुका है। वे निरंतर अंतरिक्ष अनुसंधान और तकनीक को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और अपने भविष्य के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अग्रसर हैं।

संयुक्त अरब अमीरात अंतरिक्ष एजेंसी (United Arab Emirates Space Agency - UAESA) 2014 में स्थापित की गई थी और अब तक वे महत्वपूर्ण उपलब्धियों के साथ अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। UAESA का उद्देश्य अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका को स्थापित करना है और संयुक्त अरब अमीरात को अंतर्राष्ट्रीय मंचों में प्रमुखता प्राप्त करना है।

इसके अब तक के उपलब्धियों के साथ, UAESA ने अपने महत्वपूर्ण मिशनों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। यहां हम उनकी मुख्य उपलब्धियों को समझेंगे:

होप प्रोब: UAESA की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि में से एक है होप प्रोब मिशन। इस मिशन के तहत एक उपग्रह, होप प्रोब, मार्च 2021 में मंगल ग्रह के आसपास चित्रण करने के लिए प्रक्षेपित किया गया था। इस मिशन के माध्यम से UAESA ने मंगल ग्रह के मौसम, अवकाशी गाज, और उसके अतीत ग्रह पर सूत्रीय प्रमाणों का अध्ययन किया।

दुबई सेटेलाइट कम्युनिकेशन: UAESA ने विज्ञान और अनुभव के लिए सेटेलाइट कम्युनिकेशन क्षेत्र में भी अपनी उपलब्धियाँ हासिल की हैं। वे दुबई सेटेलाइट कम्युनिकेशन (DU-SAT) मिशन के माध्यम से पहला स्वतंत्र क्यूब सैटेलाइट प्रक्षेपित करने में सफल रहे हैं।

अंतरिक्ष के लिए छोटे उपग्रह: UAESA ने अपने छोटे उपग्रहों के माध्यम से अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को बढ़ावा दिया है। उनके छोटे उपग्रह उद्देश्यों में से कुछ हैं: भूमिगत जल निगरानी, मौसम अनुभव, और संचार सेवाएं प्रदान करना।

UAESA ने अपने स्थापना के बाद से अंतरिक्ष क्षेत्र में विश्वस्तरीय पहचान बनाई है और निरंतर अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को मजबूती से बढ़ाती आ रही है। वे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, नवीनतम तकनीक, और अनुसंधान के माध्यम से अंतरिक्ष विज्ञान में अपना योगदान दे रहे हैं।

07- कैनेडियन स्पेस एजेंसी (सीएसए) (Canadian Space Agency (CSA) 

कैनेडियन स्पेस एजेंसी (Space Agencies) (सीएसए) कनाडा की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी(Space Agencies)  है जो अंतरिक्ष अनुसंधान, विकास, और विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए संघर्ष करती है। सीएसए कनाडा के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंतरिक्ष कार्यक्रमों की निगरानी करता है और संबंधित नीतियों और योजनाओं का विकास करता है।

सीएसए का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक और तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देकर अंतरिक्ष क्षेत्र में कनाडा की गतिविधियों को सुनिश्चित करना है। वे उपग्रह और उपग्रह जैसे उपकरणों का निर्माण, विकास और परीक्षण करते हैं जो उपग्रहों के संचार, जागरूकता, वैज्ञानिक अनुसंधान और विज्ञान की अध्ययन के उद्देश्य से उपयोग होते हैं।

 

कैनेडियन स्पेस एजेंसी (सीएसए) (Canadian Space Agency (CSA)

सीएसए के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में कैनाडियन रोबोटिक्स, अंतरिक्ष जागरूकता, भूमिगत और वायुमंडलीय अनुभव, और अंतरिक्ष अनुवाद शामिल हैं। उनकी प्रमुख उपलब्धियों में कैनाडियन आर्म, कैनाडियन आर्म2, और द रूवर स्पेसक्राफ्ट की सफल प्रक्षेपणा है।

कैनाडियन रोबोटिक्स प्रोग्राम में, सीएसए ने कैनाडियन आर्म का विकास किया है, जो अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में कार्य करने के लिए समर्पित है। यह रोबोटिक बांह अंतरिक्ष में ट्रेलर आरवीएस (तरंग फसल विश्लेषण रडार) के माध्यम से धरती पर उपग्रहों को प्राप्त करती है और उपकरणों को स्थापित करने और संदर्भ बदलने में मदद करती है।

द रूवर स्पेसक्राफ्ट, जो सीएसए के द्वारा विकसित किया गया है, अंतरिक्ष संचार के लिए एक उपग्रह है जो दूसरे उपग्रहों के साथ संवाद स्थापित करता है। यह विशेष रूप से दूसरे उपग्रहों के साथ संचार को अंतरिक्ष में सुगम बनाने में मदद करता है।

सीएसए द्वारा किए जाने वाले अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भूमिगत और वायुमंडलीय अनुभव, अंतरिक्ष विज्ञान, और अंतरिक्ष विज्ञान के लिए उपयोगी उपग्रहों का निर्माण और विकास शामिल है। सीएसए ने अनेक साइंटिफिक मिशनों में योगदान दिया है, जिनमें अंतरिक्ष में जलवायु और मौसम के अध्ययन, खगोलीय सिद्धांतों की विज्ञान, और ग्रहों की अध्ययन शामिल हैं।

सीएसए के पास विभिन्न अंतरिक्ष मिशन और उपग्रहों की सफलता की अनेक उपलब्धियां हैं। उनमें से कुछ मुख्य उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:

  • कैनाडियन आर्म (कैनाडियन अंतरिक्ष में मान्यता प्राप्त रोबोटिक आद्रत)
  • द रूवर स्पेसक्राफ्ट (अंतरिक्ष संचार के लिए उपग्रह)
  • कैनाडियन स्पेस सिमुलेशन, योग्यता और परीक्षण प्रशिक्षण केंद्र (अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए अनुकरणीय मॉडलिंग और प्रशिक्षण सुविधाएं)
  • उपग्रह विज्ञान केंद्र (उपग्रह निर्माण, विकास, और परीक्षण केंद्र)
  • उपग्रह निर्माण केंद्र (उपग्रह और उपकरणों के निर्माण के लिए केंद्र)
  • उपग्रह अवकाशी और परीक्षण केंद्र (उपग्रह परीक्षण के लिए प्रशिक्षण और सुविधाएं)
  • कैनाडियन स्पेस एजेंसी अन्तरिक्ष केंद्र (कैनाडा में अंतरिक्ष कार्यक्रम का नेतृत्व करने के लिए केंद्र)
  • क्यूबसैट (क्यूबे सैटेलाइट की प्रक्षेपणा और ऑपरेशन केंद्र)
  • उपग्रह प्रक्षेपणा प्रशिक्षण केंद्र (उपग्रह प्रक्षेपणा के लिए प्रशिक्षण सुविधाएं)


इन उपलब्धियों के आवश्यक साथ, सीएसए अंतरिक्ष के क्षेत्र में कनाडा की गतिविधियों को प्रभावी ढंग से निरंतर बढ़ावा देने के लिए कई संगठनों और अंतर्राष्ट्रीय साथियों के साथ सहयोग करती है। सीएसए का अग्रणी योगदान अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए प्रशंसा प्राप्त है और वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ रही है।

 

06-जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएक्सए) (Japan Aerospace Exploration Agency -JAXA)

जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी(Space Agencies) (जेएक्सए) (Japan Aerospace Exploration Agency - JAXA) एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष एजेंसी (Space Agencies)है, जो जापान की अंतरिक्ष अन्वेषण और विज्ञान में मुख्य भूमिका निभाती है। इसका गठन 1 अक्टूबर 2003 में हुआ था, जब पूर्वी जापान स्पेस डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NASDA) को संयुक्त करके बनाया गया था। JAXA अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्थान स्थापना संगठन (IAF) का सदस्य है और विभिन्न ग्लोबल सहयोग में सक्रिय रूप से शामिल है।

जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएक्सए) (Japan Aerospace Exploration Agency -JAXA)

JAXA ने विभिन्न महत्वपूर्ण मिशनों के माध्यम से अंतरिक्ष अन्वेषण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इनमें से कुछ प्रमुख मिशन निम्नानुसार हैं:

  • हयाबुसा मिशन: जेएक्सए ने हयाबुसा मिशन के माध्यम से अपने पहले अस्टेरॉइड सैंपल्स लौटाए हैं। यह मिशन नोवेम्बर 2005 में शुरू हुआ और जनवरी 2010 में सफलतापूर्वक समाप्त हुआ।
  • हयाबुसा2 मिशन: JAXA ने हयाबुसा2 मिशन के माध्यम से दूसरे अस्टेरॉइड (र्यूगू) से नमूने लौटाए हैं। यह मिशन 2014 में शुरू हुआ और 2020 में सफलतापूर्वक समाप्त हुआ।
  • इंडिया-जापान संयुक्त मिशन: JAXA ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ सहयोग करके चंद्रयान-2 मिशन में योगदान दिया है। यह मिशन 2019 में चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतर चढ़ाई की गई।
  • अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS): JAXA एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जब यह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के साथ सहयोग करता है। वह अंतर्राष्ट्रीय मानव मिशन, वैज्ञानिक मानव मिशन, और प्रयोगशाला मोड्यूल के विकास में योगदान देता है।


JAXA ने अन्य कई उपलब्धियों को भी हासिल किया है, जैसे कि आपातकालीन निगरानी उपग्रहों का विकास, अंतरिक्ष और उड़ानिकारी क्षेत्रों में अनुसंधान, उपग्रह प्रणाली और संचार का विकास, विज्ञानिक अध्ययन, और अंतरिक्ष उद्यान के लिए नए उपकरणों की विकसित करना।

JAXA एक गर्वशील इतिहास और उद्यमी अंतरिक्ष एजेंसी है, जो सुरम्य अंतरिक्ष अन्वेषण, तकनीकी उन्नति, और वैज्ञानिक अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान देती है। यह एक उच्च स्तरीय टीम और प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ काम करती है जो विज्ञान, तकनीक, और अंतरिक्ष विभागों के क्षेत्र में नवीनतम और उच्चतम मानकों को प्राप्त करने के लिए प्रतिष्ठित और विश्वसनीय है। जेएक्सए के प्रयासों से जापान अंतरिक्ष में महत्वपूर्ण स्थान बना चुका है और विश्व भर में उच्च मानकों के साथ सहयोग और साझेदारी की दुरुपयोग करता है।

 

05-भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) -Indian Space Research Organisation (ISRO) 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) एक गर्वन्वित संगठन है जो भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका स्थापना सन् 1969 में हुआ था और इसका मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक में स्थित है। आईएसआरओ की मुख्य उपलब्धियों में से एक शानदार मार्गदर्शन, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी स्थान है। यह एक बहुआयामी संगठन है जिसका मिशन है अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक को बढ़ावा देना, भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के विकास में सहयोग करना, और उच्चतम मानकों की प्राप्ति करना।

आईएसआरओ ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी मार्क छोड़ी है, जैसे कि उपग्रह निर्माण, अंतरिक्ष यातायात, अंतरिक्ष उद्यान, उपयोगी संचार साधनों का विकास, विज्ञानिक अनुसंधान, और मानव यात्रा के लिए यात्री उपग्रह। आईएसआरओ ने देश को विभिन्न मिशनों के माध्यम से अंतरिक्ष में मानवीय और वैज्ञानिक उपलब्धियों के साथ सजाया है।

एक महत्वपूर्ण मिशन जो आईएसआरओ ने पूरा किया है, वह है चंद्रयान मिशन। चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 मिशन ने चंद्रमा के प्रक्षेपण और उपग्रह पर अध्ययन करने के लिए सफलतापूर्वक पहुंच दिखाई है। चंद्रयान-1 ने चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी मापने और अतिरिक्त जानकारी जुटाने के लिए अपनी पहली मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। चंद्रयान-2 मिशन में, आईएसआरओ ने विक्रम उपग्रह को चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतारा और प्रयोगशाला प्रेजेक्टर और रोवर प्रज्ञान के माध्यम से चंद्रमा की सतह का अध्ययन किया।

आईएसआरओ ने स्वयं के उपग्रहों के विकास के अलावा, उपयोगी और वैज्ञानिक उपयोग के लिए स्थानीय उपग्रहों के निर्माण में भी बड़े प्रगति की है। आईएसआरओ के द्वारा विकसित उपग्रह सिरोस और रजर-1 के माध्यम से, विभिन्न उपयोगों के लिए उपग्रहीय डेटा का संग्रह और प्रसारण किया जाता है।

आईएसआरओ का अभिनव क्षेत्र है उपयोगी संचार साधनों के विकास में। भारतीय रक्षा और दूरसंचार मंत्रालय के साथ मिलकर आईएसआरओ ने उपग्रहीय कक्षाओं और उपग्रहीय नेटवर्क के विकास में अद्वितीय योगदान दिया है। यह संगठन सतही और स्वतंत्र उपग्रह नेटवर्क के माध्यम से स्थानीय, राष्ट्रीय, और अंतर्राष्ट्रीय संचार सेवाओं को समर्थित करता है।

आईएसआरओ ने भूमिगत विवरण, जैव और भूतिक संसाधनों के अध्ययन के लिए भी महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। उपग्रहों के माध्यम से भूमिगत डेटा के संग्रह और विश्लेषण के माध्यम से आईएसआरओ ने पर्यावरणीय और भूगोलीय अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इसके अलावा, आईएसआरओ ने अंतरिक्ष मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए विभिन्न संगठनों, जैसे कि नेशनल एयरोनॉटिक्स और स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA), के साथ सहयोग किया है। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय मानव अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम का भी संचालन किया गया है।

आईएसआरओ ने अपने विभिन्न अंतरिक्ष मिशनों के माध्यम से भारत को विश्वस्तरीय अंतरिक्ष क्षेत्र में पहचान दिलाई है। यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से विश्व भर में अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गया है। इसके साथ ही, आईएसआरओ ने उच्चतम मानकों की प्राप्ति के लिए प्रयास किया है और भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के नवीनतम तकनीकी और वैज्ञानिक उपलब्धियों का वितरण किया है।

इस रूप में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) ने अपनी समृद्ध विशेषताओं के माध्यम से अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके द्वारा प्रकाशित उपग्रह, चंद्रयान मिशन, संचार साधनों के विकास, और विज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य करके, आईएसआरओ ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष समुदाय में गर्व के साथ प्रतिष्ठित किया है। इसके साथ ही, यह संगठन भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रगति को बढ़ाने, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करने, और अंतरिक्ष साक्षरता को बढ़ाने का संकल्प रखता है।

 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का इतिहास  

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ) भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण संगठन है। इसका संगठन 15 अगस्त 1969 में हुआ था, जब विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भारत के विकास को बढ़ाने के लिए यह स्थापित किया गया। आईएसआरओ के मूल स्थापक डॉ. विक्रम साराभाई हैं, जिन्होंने अपने योगदान से भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहचान बनाई।

आईएसआरओ के नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण मिशनों का सफलतापूर्वक पूरा होना हुआ है। इसके पहले मिशन में से एक है आर्यभट्टा, जो भारत का पहला उपग्रह था और 1975 में प्रक्षेपित हुआ। आर्यभट्टा मिशन ने भारत को ग्लोबल स्थिरता क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया और देश को उच्चतम मानकों के साथ संचार साधनों के विकास में मदद की।

 

All You Need to Know About World's Top 10 Space Agencies

 

आईएसआरओ का अहम मिशन है चंद्रयान मिशन, जिसका पहला चरण 2008 में पूरा हुआ। चंद्रयान-1 ने चंद्रमा के पास संचार उपकरणों की स्थापना की और अन्तरिक्ष से मौजूदा जीवन की खोज के लिए मापनों को लिया। चंद्रयान-2 मिशन 2019 में प्रक्षेपित हुआ और चंद्रमा के सतह पर निरंतर गतिशीलता का मानचित्रण करने के लिए डीएलआरओ निकाय को पहुंचाने का प्रयास किया। यह मिशन भारत को चंद्रमा पर एक अग्रणी देश बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।

आईएसआरओ ने स्वतंत्र रूप से उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की क्षमता का विकास किया है। वहाँ उड़ान उड़ाने वाला वाहन (एसएसवी) और गगनयान निर्माण योजना जैसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं ने उनकी उड़ानों को नई ऊचाईयों तक ले जाया है। आईएसआरओ ने भी संचार, मौजूदा वस्तुओं के उत्पादन, जलवायु विज्ञान और उपग्रह संचार क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

आईएसआरओ का योगदान न केवल अंतरिक्ष अनुसंधान में है, बल्कि इसका सीधा संबंध भूमिका में भी है। उनके माध्यम से हमने भू-निरीक्षण, पारंपरिक ज्ञान, संचार, जलवायु विज्ञान, औद्योगिक उत्पादन और बचती हुई ऊर्जा के क्षेत्र में कई अनुप्रयोगों का विकास किया है। आईएसआरओ द्वारा विकसित किए गए सैटेलाइट आपूर्ति मिशन ने खाद्य, पानी, चिकित्सा और आवास क्षेत्र में अवसर प्रदान किए हैं।

आईएसआरओ ने साझा सहयोग के माध्यम से भी अपनी उपलब्धियों को बढ़ाया है। वह संयुक्त राष्ट्रों के साथ अंतरिक्ष मिशनों में सहयोग कर रहा है, जैसे कि मंगलयान मिशन के दौरान अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी और अंग्रेज़ी के साथ।

आईएसआरओ का इतिहास भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक उच्चतम स्थान रखता है। उनकी उपलब्धियाँ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हैं और भारत को विश्व समुदाय में गर्व का अनुभव कराती हैं। उनके विज्ञानिकों, इंजीनियरों और देशवासियों की मेहनत और समर्पण के कारण आईएसआरओ ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नाम बनाया है। वे अग्रणी मिशनों का संचालन करते हैं, नई तकनीकों का अनुसरण करते हैं और आगामी पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं।

इस तरह से, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) ने अपने गत 50 वर्षों में कार्यक्रमों, मिशनों और परियोजनाओं के माध्यम से अपार उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। यह संगठन वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रौद्योगिकी का विकास और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में अग्रणी राष्ट्र बनाने का कार्य कर रहा है।

भारतीयअंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की अब तक की उपलब्धियां

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) की स्थापना 15 अगस्त 1969 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा देना था। इसे प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा शुरू किया गया था और उस समय से आज तक, आईएसआरओ ने बहुत सारी महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं।

आईएसआरओ की प्रमुख उपलब्धियों में से एक है 'आर्यभट्ट' उपग्रह का सफल प्रक्षेपण, जो भारत का पहला उपग्रह है। यह उपग्रह 19 अप्रैल 1975 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया था। इसके बाद, आईएसआरओ ने भारतीय उपग्रह प्रोग्राम के माध्यम से बहुत सारे सफल मिशनों को निर्माण किया है।

आईएसआरओ ने मंगलयान मिशन के माध्यम से भारत को मंगल ग्रह की ओर बढ़ावा दिया। मंगलयान, भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र की उपलब्धियों में से एक महत्वपूर्ण है, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों ने सफलतापूर्वक मंगल के चांद तक पहुंचा। इसके अलावा, आईएसआरओ ने चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 मिशनों को भी प्रक्षेपित किया, जिनमें चंद्रमा की अध्ययन की प्राथमिकता थी।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अग्रेसर मिशन, कर्मयोगी मिशन, रिसेट-1, रिसेट-2, आदि जैसे सफल मिशनों को पूरा किया है। यह संगठन भी कई सैटेलाइट्स, उपग्रह, रॉकेट्स, और स्पेस टेक्नोलॉजी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इसके अलावा, आईएसआरओ ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में भी अपार योगदान दिया है। यह विभिन्न देशों के साथ सहयोग करके अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में नई ऊँचाईयों को छूने का मौका प्रदान करता है।

इस तरह से, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) ने अपने जीवनकाल में विभिन्न मिशनों, प्रोजेक्ट्स और उपलब्धियों के माध्यम से अंतरिक्ष क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह संगठन न केवल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त किया है, बल्कि भारत की तरक्की और अंतरिक्ष विज्ञान में गर्व के साथ देश को प्रतिष्ठित किया है। आईएसआरओ अपने आगामी उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए नवीनतम तकनीकी और वैज्ञानिक अद्यतनों का उपयोग करके निरंतर प्रगति करता रहेगा।

इसरो के  भविष्य का  प्लान ( ISRO's future plan)

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) ने अपने विद्यामान और आगामी योजनाओं के माध्यम से अपने भविष्य की योजनाओं को अपनाया है। यह योजनाएं विभिन्न क्षेत्रों में विस्तारित अनुसंधान, विकास और अन्वेषण को लक्ष्य बनाती हैं। यहां आईएसआरओ के भविष्य की योजनाओं के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को संक्षेप में देखा जा सकता है:

चंद्रयान-3: आईएसआरओ चंद्रयान-3 मिशन के माध्यम से चंद्रमा के पूर्ण संचार उपग्रह को विकसित करने की योजना बना रहा है। यह मिशन चंद्रयान-2 मिशन के बाद चंद्रमा पर फिर से भारतीय प्रक्षेपण का प्रमुख हिस्सा होगा।

मानव मिशन: आईएसआरओ ने अपनी अंतरिक्ष मानव मिशन के लिए योजना बनाई है। इसका उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में यात्रा कराना है और इसे विभिन्न अनुभवों के माध्यम से संशोधित करना है।

यूनाइटेड सत्यापन इंजन (यूएसएस): आईएसआरओ ने यूएसएस के विकास पर भी काम किया है। यह उपग्रह बीजगणितीय और मिश्रित ताप इंजन प्रणाली के साथ यात्रा करने की क्षमता रखेगा।

सौर इंस्ट्रमेंट्स: आईएसआरओ ने उर्जा और आविष्कार क्षेत्र में अधिक अनुसंधान के लिए योजनाएं बनाई हैं। सौर ऊर्जा उपयोग और सौर इंस्ट्रमेंट्स के विकास को बढ़ावा देने के लिए अधिक अनुसंधान किया जा रहा है।

अंतरिक्ष प्रदूषण का अध्ययन: आईएसआरओ अंतरिक्ष में प्रदूषण के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए योजनाएं बना रहा है। यह मानवीय और प्राकृतिक प्रक्रियाओं के बीच संघटन के प्रभाव को विश्लेषण करने के लिए अंतरिक्ष पर्यावरण को समझने में मदद करेगा।

 

04-चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए)-China National Space Administration (CNSA) 

चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) का गठन 22 अप्रैल 1993 को हुआ था। सीएनएसए चीन की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी है और विभिन्न अंतरिक्ष मिशनों को नियोजित और संचालित करती है। यह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष संगठन के साथ सहयोग करता है और चीन को विश्व अंतरिक्ष समुदाय में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में मान्यता प्रदान करता है।

सीएनएसए ने अपनी स्थापना के बाद से कई महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशनों का संचालन किया है। यहां हम सीएनएसए के कुछ प्रमुख मिशनों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे:

चांगई लुनर मिशन: यह चीन का पहला चंद्रमा मिशन था जिसमें चांगई 1, 2 और 3 मिशन शामिल थे। इन मिशनों में चांगई के अवतरणों ने चंद्रमा की सतह पर उतरकर उड़ान के रोबोटिक वाहन का अध्ययन किया और विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण डेटा जुटाया। चांगई 4 मिशन में चंद्रमा के पोलर क्षेत्र में नई खोजों के लिए प्रयास किया जा रहा है।

तियांगोंग मिशन: चीन ने तियांगोंग मिशन के माध्यम से अपने अंतरिक्ष स्थान परियोजनाओं का निर्माण किया है। यह मिशन चीन के खुशखबरी प्रदान करने के लिए विज्ञान, अनुसंधान, मानवीय यात्रा, और अंतरिक्ष विभागों के लिए एक आवासीय मॉड्यूल प्रदान करता है। यह स्थायी अंतरिक्ष स्थान परियोजनाओं के लिए आवास का विकास करने के लिए डिजाइन किया गया है।

मंगल ग्रह मिशन: सीएनएसए के पास भी मंगल ग्रह की अन्वेषण के लिए योजनाएं हैं। इसके तहत, वे मंगल ग्रह पर मानवीय मिशन के विकास के लिए काम कर रहे हैं और एक मंगल रोवर का निर्माण कर रहे हैं जो मंगल की सतह की अनुसंधान करेगा।

अंतरिक्ष स्टेशन मिशन: सीएनएसए ने भी अंतरिक्ष स्टेशन मिशन के लिए योजनाएं बनाई हैं। इन मिशनों के तहत, वे स्वयंचलित अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण करने के लिए काम कर रहे हैं, जो मानव यात्रियों को अंतरिक्ष में रहने की सुविधा प्रदान करेगा।

अंतरिक्ष वायुमंडल मिशन: सीएनएसए ने अंतरिक्ष वायुमंडल के अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए भी कई मिशन योजना बनाई हैं। इन मिशनों के माध्यम से वे ग्रह के वायुमंडल की समझ में मदद करेंगे और जलवायु परिवर्तन के आधार पर विज्ञान को बढ़ावा देंगे।

सीएनएसए अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों के साथ ही अग्रसर रहता है और आगामी वर्षों में और भी कई महत्वपूर्ण मिशनों का संचालन करने की योजना बना रहा है। इससे चीन अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में अपनी विश्वस्तरीय पहचान बनाए रखने का निर्माण कर रहा है और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष समुदाय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

 

03-यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) -European Space Agency (ESA)

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) का गठन 1975 में हुआ था और यह यूरोप के उपग्रह और अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र में वैश्विक मानक है। यह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो यूरोपीय संघ द्वारा स्थापित किया गया है। ईएसए का मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में स्थित है। यह यूरोप में अंतरिक्ष अनुसंधान, उपग्रह विकास, और विज्ञान और तकनीकी उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख संगठन है। नीचे दिए गए लेख में ईएसए के बारे में विस्तार से बताया गया है:

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका उद्देश्य यूरोप में अंतरिक्ष अनुसंधान, विज्ञान और तकनीकी उपयोग को बढ़ावा देना है। इसका संगठन और व्यवस्था यूरोपीय संघ के सदस्य राष्ट्रों के बीच संगठित है। ईएसए का मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में स्थित है। इसका प्रमुख कार्य क्षेत्र यूरोपीय उपग्रहों का विकास और प्रबंधन है।

ईएसए की स्थापना 1975 में हुई थी और यह फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, बेल्जियम, दक्षिणी व उत्तरी आयरलैंड, दक्षिणी और उत्तरी अफ्रीका आदि देशों के सहयोग से गठित हुआ। ईएसए का मुख्य उद्देश्य यूरोपीय उपग्रह प्रोग्राम को संचालित करना था, जिसमें सौभाग्यशाली उपग्रहों का विकास, लॉन्चिंग और प्रबंधन शामिल था।

ईएसए के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी हुईं हैं। यह शामिल हैं यूरोपीय अंतरिक्ष यान (यूरोपा) के विकास की परियोजना, जिसमें उपग्रहों के द्वारा मानवों की स्थायी निवास के लिए अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण शामिल था। यह अंतरिक्ष स्टेशन 1998 में प्रक्षेपित हुआ था और अब तक यात्री और अनुप्रयोगों को संभालने के लिए कई बार मंडलियों में विस्तारित किया गया है।

ईएसए के अलावा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी अन्य बड़ी परियोजनाओं के लिए भी जिम्मेदार है, जैसे गायलिलियो नेविगेशन उपग्रह प्रणाली, जो यूरोप के लिए एक स्वतंत्र नेविगेशन प्रणाली का विकास करता है। इसके अलावा, ईएसए ने स्वच्छ और सुरक्षित अंतरिक्ष यात्राओं के लिए प्रौद्योगिकी और उपकरणों के विकास पर भी ध्यान दिया है।

ईएसए की सदस्यता के लिए यूरोपीय देशों को विशेष लाभ प्राप्त होता है। यह संगठन विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली यूरोपीय प्रौद्योगिकी का निर्माण करता है। यह अंतरिक्ष और उपग्रहों संबंधी नवीनतम विज्ञान और प्रौद्योगिकी की खोज और विकास में यूरोपीय वैज्ञानिकों को संदेश देता है।

ईएसए के कार्यों और परियोजनाओं में आंतर्राष्ट्रीय सहयोग भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह विशेष रूप से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी एनासा के साथ सहयोग करता है और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसए) के संचालन में भी सहयोग करता है।

ईएसए ने अपने संघर्षों के दौरान कई महत्वपूर्ण प्राप्तियों की हैं। इसका विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अद्यतन और अभियांत्रिकी क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है। ईएसए के अंतरिक्ष यानों और उपग्रहों ने सूर्य और मंगल ग्रह की अध्ययन के लिए अद्वितीय डेटा और ज्ञान प्रदान किया है।

ईएसए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष समुदाय में एक प्रमुख स्थान रखता है और यूरोपीय अंतरिक्ष अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में विश्वसनीय मान्यता है। ईएसए का अध्यक्ष परिषद यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के मंत्रियों से मिलकर गठित होता है और संगठन की नीतियों और दिशानिर्देशों का निर्धारण करता है।

ईएसए के लक्ष्यों में से एक यह है कि यह यूरोप को विश्वस्तरीय अंतरिक्ष शोध क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान दे। यह वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देता है, जिससे यूरोपीय अंतरिक्ष उद्योग में वृद्धि होती है और नवीनतम तकनीकी उपकरणों का निर्माण होता है।

ईएसए की व्यापक सदस्यता यूरोप के बड़े राष्ट्रों को अंतरिक्ष क्षेत्र में अद्वितीय स्थान देती है। इसका उद्देश्य यह है कि ईएसए के माध्यम से उन्हें एक संगठित और संयोजित प्लेटफॉर्म मिले, जिससे उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान, तकनीक और उद्योग में अपने क्षमता और क्षेत्रीय प्रभाव को मजबूत करने का एक संरचित माध्यम मिले।

ईएसए ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में यूरोप को विश्वस्तरीय नेतृत्व प्रदान किया है और आने वाले दशकों में भी इसका योगदान निरंतर बढ़ाने की उम्मीद है। इसके द्वारा यूरोप अंतरिक्ष यात्राओं और विज्ञान क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को बनाए रखने के लिए एक प्रमुख संगठन बना रहा है।

02-रोसकोस्मोस-Roscosmos

रोसकोस्मोस (Roscosmos) रूस का अंतरिक्ष एजेंसी है जो रूसी अंतरिक्ष कार्यक्रम को प्रबंधित करता है। यह रूसी संघ के अंतर्गत कार्यरत है और रूस के अंतरिक्ष संबंधित गतिविधियों का संचालन, विज्ञान और तकनीकी अनुसंधान, उपग्रह निर्माण और अंतरिक्ष यात्राओं के लिए मानवीय योजनाओं का निर्माण करता है।

रोसकोस्मोस की स्थापना 1992 में हुई थी, जब यूनाइटेड स्पेस कॉर्पोरेशन (United Space Corporation) की स्थापना की गई थी। इसके बाद, 1999 में रूसी संघ ने अंतरिक्ष कार्यक्रम के प्रबंध के लिए रूसी अंतरिक्ष एजेंसी (Russian Space Agency) का स्थापना किया, जो 2015 तक चली और उसके बाद से यह रोसकोस्मोस के नाम से जाना जाता है।

रोसकोस्मोस का मुख्य कार्यक्षेत्र रूसी मानव अंतरिक्ष यात्रा है। यह रूसी कोशिकाओं का निर्माण, अंतरिक्ष स्टेशन मिर और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसए) के लिए मानवीय योजनाओं का संचालन, यात्री उपग्रहों का निर्माण और चालन, उपग्रहों के लिए सर्वोच्चीकरण, अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यों का संचालन, सूर्य और ग्रहों के अध्ययन, उपग्रह निर्माण और लॉन्च, अंतरिक्ष निगमों के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अन्य अंतरिक्ष कार्यक्रमों में सहयोग आदि शामिल है।

रोसकोस्मोस अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष समुदाय में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और विभिन्न देशों के अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ गहरा सहयोग करता है। इसका मुख्य सहयोगी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी एनासा है और दोनों संगठनों के बीच मानवीय अंतरिक्ष यात्राओं, वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी सहयोग पर मुख्य ध्यान दिया जाता है।

रोसकोस्मोस द्वारा निर्मित और प्रबंधित उपग्रहों की सूची में सोयूज, प्रॉग्रेस, ग्लोनास, लुना निर्माण, अंतरिक्ष यान "फेडरेशन" और अन्य अंतरिक्ष यान शामिल हैं। यहां तक कि रोसकोस्मोस अपनी अंतरिक्ष यान "सोयूज एसएम" के माध्यम से अंतरिक्ष यात्रा के लिए मानवीय योजनाएं भी बना रहा है।

रोसकोस्मोस के पास विश्वस्तरीय अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में विश्वसनीयता है और इसकी योजनाएं, प्रक्षेपण और विज्ञानिक अनुसंधान दुनिया भर में मान्यता प्राप्त हैं। रोसकोस्मोस की मुख्य उपलब्धियों में से एक उनके विज्ञान और अनुसंधान कार्य हैं, जिनमें सौरमंडलीय अंतरिक्ष मिशन, मानवीय योजनाएं, अंतरिक्ष चित्रण, ग्रहों के अध्ययन, उपग्रह निर्माण और लॉन्च शामिल हैं।

रोसकोस्मोस रूस को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष समुदाय में एक महत्वपूर्ण और प्रमुख स्थान प्रदान करता है। यह रूस के अंतरिक्ष क्षेत्र को एक मजबूत और प्रभावशाली बनाने के लिए अपने अनुसंधान, उद्योग और तकनीकी क्षेत्र में मजबूती और उन्नति को निरंतर बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कारक है।


01-राष्ट्रीय विमानन और अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) -National Aeronautics and Space Administration (NASA)


राष्ट्रीय विमानन और अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) अमेरिका का प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी है। यह संघीय सरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय वाशिंगटन डीसी में स्थित है। NASA का मुख्य कार्यक्षेत्र अंतरिक्ष अनुसंधान, अंतरिक्ष उपयोग, उपग्रह निर्माण, अंतरिक्ष यात्रा, उपग्रह अवधारणा, खगोलीय विज्ञान, उपग्रह संचालन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का विकास करना है।

NASA की स्थापना 1958 में हुई थी, जब संघीय विमानन और अंतरिक्ष अधिनियम के तहत अंतरिक्ष उपयोग के लिए एक विशेष एजेंसी की आवश्यकता महसूस की गई। NASA ने विश्व भर में अंतरिक्ष विज्ञान, खगोल विज्ञान, अंतरिक्ष यात्रा, अंतरिक्ष उपयोग, उपग्रह संचालन, अंतरिक्ष सूचना और तकनीक के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान किया है।

NASA द्वारा निर्मित और संचालित उपग्रहों की सूची में मर्क्युरी, जीमिनी, एपोलो, मार्स रोवर, हबल अंतरिक्ष टेलीस्कोप, कीपर्स, जूनो, केप्लर, वॉयेजर, वायकाना, द कैसिनी हुयगेंस, न्यू हॉराइजन्स, पर्सिवीरेंस आदि शामिल हैं। यहां तक कि NASA ने अपने विज्ञान यान "क्यूरिअसिटी" के माध्यम से मानवीय अंतरिक्ष यात्राओं, जैसे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसए) और अंतरराष्ट्रीय सौरमंडलीय यात्राएं, के लिए भी योजनाएं बनाई हैं।

NASA का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष अनुसंधान के माध्यम से मानवता के ज्ञान को बढ़ाना, खोजना और समझना है। इसके साथ ही, यह आधुनिक तकनीक और विज्ञान के माध्यम से नई उपयोगिता और उपग्रह प्रौद्योगिकी का विकास करके अंतरिक्ष के विभिन्न पहलुओं में मानव समुदाय की मदद करना भी शामिल है। NASA ने अंतरिक्ष में मानवीय अभियांत्रिकी, सूचना और संचार, उपग्रह प्रौद्योगिकी, उर्जा संगठन, खगोलीय और ग्रहों के अध्ययन, उपग्रह निर्माण और लॉन्च, विज्ञानिक अनुसंधान, और बाधाओं के अवधारणा और समाधान के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त की है।

NASA अंतरराष्ट्रीय सहयोग में भी सक्रिय रहता है और अन्य देशों के अंतरिक्ष एजेंसियों, वैज्ञानिक संगठनों और उद्योग के साथ साझा योजनाएं और परियोजनाएं संचालित करता है। NASA का अंतिम लक्ष्य धरती के बाहर के अंतरिक्ष में मानवीय निवास का संभाव्य करार देना है, सौरमंडलीय ग्रहों का अध्ययन करके मानव यात्राओं को संभव बनाना है और विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नई प्रगति करके अंतरिक्ष से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों का समाधान ढूंढ़ना है।

 

अंतरिक्ष एजेंसियाँ क्या होती है what is Space Agencies

दुनिया में कुल मिलाकर 72 सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियाँ हैं (इसमें ब्राजीली एजेंसी भी शामिल है, जिसका संक्षिप्त नाम AEB है)। लेकिन केवल छः ऐसी एजेंसियाँ हैं जिनके पास स्वयं ही एक उड़ान के सभी चरणों को संचालित करने के लिए आवश्यक तकनीक है: चीनी, भारतीय, रूसी, यूरोपीय, जापानी और बेशक, अमेरिकी, जिसका नाम NASA है।
अंतरिक्ष एजेंसियाँ वे संगठन हैं जो अंतरिक्ष की गतिविधियों की योजना, समन्वय और कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होते हैं। इन एजेंसियों की स्थापना सामान्यतः सरकारों या अंतर्राष्ट्रीय सहयोगों द्वारा की जाती है और ये अंतरिक्ष अन्वेषण, वैज्ञानिक अनुसंधान, उपग्रह विकास और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

अंतरिक्ष एजेंसियाँ निम्नलिखित गतिविधियों में शामिल होती हैं:

अंतरिक्ष अन्वेषण: अंतरिक्ष एजेंसियाँ ब्रह्मांडीय शरीरों जैसे ग्रह, चंद्रमा, उपग्रह और कॉमेट की खोज के लिए मिशन आयोजित करती हैं। उन्होंने अंतरिक्षयान, रोवर और प्रोब्स चालू किए हैं जो इन ब्रह्मांडीय शरीरों के संरचना, भूगोल, वायुमंडल और अन्य पहलुओं का अध्ययन करने के लिए डेटा इकट्ठा करते हैं।


उपग्रह विकास और अनुप्रयोग: अंतरिक्ष एजेंसियाँ विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपग्रहों का निर्माण, विकास और प्रक्षेपण करती हैं, जिनमें संचार, मौसम मानिटरिंग, पृथ्वी अवलोकन, नेविगेशन, वैज्ञानिक अनुसंधान और राष्ट्रीय सुरक्षा शामिल हैं। ये उपग्रह स्थान से डेटा इकट्ठा करने और अंतरिक्ष से सेवाएं प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।


मानवीय अंतरिक्ष यात्रा: कुछ अंतरिक्ष एजेंसियाँ मानवों को अंतरिक्ष में भेजने की क्षमता रखती हैं। उन्होंने मानवीय अंतरिक्षयान और प्रक्षेपण प्रणालियों का विकास किया है जिनके द्वारा यात्रियों को अंतरिक्ष स्टेशन जैसे आंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचाया जाता है। मानवीय अंतरिक्ष यात्राएं वैज्ञानिक अभियांत्रिकी, प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन और अंतरिक्ष में लंबी अवधि तक रहने जैसे कार्यों को संभव बनाने में सहायता करती हैं।


वैज्ञानिक अनुसंधान: अंतरिक्ष एजेंसियाँ वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से वैज्ञानिक ज्ञान में योगदान देती हैं। उन्होंने माइक्रोग्रेविटी, अंतरिक्ष विकिरण, बाह्यग्रह और ब्रह्मांड की मूल स्थापना और विकास की अध्ययन किया है। इन एजेंसियों द्वारा चलाए जाने वाले अंतरिक्ष टेलीस्कोप और गोलघेरी संस्थान दूर स्थित ब्रह्मांडीय वस्तुओं से छवियाँ और डेटा प्राप्त करते हैं।


प्रौद्योगिकी विकास: अंतरिक्ष एजेंसियाँ विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी की उन्नति को प्रोत्साहित करती हैं। उन्होंने नए सामग्री, प्रोपल्शन प्रणालियाँ, रोबोटिक्स, संचार प्रणालियाँ और नेविगेशन प्रौद्योगिकी विकसित की हैं जो कि न केवल अंतरिक्ष अन्वेषण में बल्कि पृथ्वी पर अन्य उद्योगों में भी अनुप्रयोग हैं।


अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: अंतरिक्ष एजेंसियाँ अक्सर एक दूसरे के साथ सहयोग करती हैं ताकि संसाधन, विशेषज्ञता और खर्च को साझा कर सकें। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग वैज्ञानिक ज्ञान को बढ़ावा देता है, शांतिपूर्ण सहयोग को प्रचारित करता है और विस्तारित उद्देश्यों वाले संयुक्त मिशन और परियोजनाओं को संभव कराता है।

प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों में NASA (संयुक्त राज्य अमेरिका), रोसकोस्मोस (रूस), यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए), चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), जापान एयरोस्पेस एक्स्प्लोरेशन एजेंसी (जैक्सा) आदि शामिल हैं। प्रत्येक एजेंसी के पास अपने विशेष उद्देश्य, प्राथमिकताएँ और विशेषज्ञता के क्षेत्र होते हैं, लेकिन सामान्य रूप से वे अंतरिक्ष की हमारी समझ को आगे बढ़ाने और खगोलीय शक्तियों में मानव की क्षमताओं को विस्तारित करने में योगदान करती हैं।

दुनिया में कुल मिलाकर कितने अंतरिक्ष एजेंसियाँ हैं(how many space agencies are there in the world

दुनिया में कुल मिलाकर 72 सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियाँ हैं । लेकिन केवल छः ऐसी एजेंसियाँ हैं जिनके पास स्वयं ही एक उड़ान के सभी चरणों को संचालित करने के लिए आवश्यक तकनीक है: चीनी, भारतीय, रूसी, यूरोपीय, जापानी और अमेरिकी, जिसका नाम NASA है। नीच कुछ एजेंसियो का नाम दिया जा रहा है

Sr No Organization name in hindi Organization name in english Abbreviation Country
1 राष्ट्रीय विमानन और अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) National Aeronautics and Space Administration (NASA) NASA United States
2 रूसी फेडरल स्पेस एजेंसी (ROSCOSMOS) Russian Federal Space Agency (ROSCOSMOS) ROSCOSMOS Russia
3 यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) European Space Agency (ESA) ESA Europe (multiple member states)
4 चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (CNSA) China National Space Administration (CNSA) CNSA China
5 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) Indian Space Research Organisation (ISRO) ISRO India
6 जापान एयरोस्पेस अन्वेषण एजेंसी (JAXA) Japan Aerospace Exploration Agency (JAXA) JAXA Japan
7 ब्राजील स्पेस एजेंसी (AEB) Brazilian Space Agency (AEB) AEB Brazil
8 कनाडा अंतरिक्ष एजेंसी (CSA) Canadian Space Agency (CSA) CSA Canada
9 ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी (ASA) Australian Space Agency (ASA) ASA Australia
10 इजराइल अंतरिक्ष एजेंसी (ISA) Israel Space Agency (ISA) ISA Israel
11 दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी (SANSA) South African National Space Agency (SANSA) SANSA South Africa
12 कोरियाई एयरोस्पेस अनुसंधान संस्थान (KARI) Korean Aerospace Research Institute (KARI) KARI South Korea
13 ईरान अंतरिक्ष एजेंसी (ISA) Iranian Space Agency (ISA) ISA Iran
14 संयुक्त अरब अमीरात अंतरिक्ष एजेंसी (UAESA) United Arab Emirates Space Agency (UAESA) UAESA United Arab Emirates
15 इटालियन स्पेस एजेंसी (ASI) Italian Space Agency (ASI) ASI Italy
16 राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास संगठन (NASRDA) National Space Research and Development Agency (NASRDA) NASRDA Nigeria
17 मैक्सिकन स्पेस एजेंसी (AEM) Mexican Space Agency (AEM) AEM Mexico
18 स्पेस रिसर्च एंड रिमोट सेंसिंग संगठन (SPARRSO) Space Research and Remote Sensing Organization (SPARRSO) SPARRSO Bangladesh
19 लैंड सर्फेस के लिए सीधे संवेदनशीलता के लिए केंद्र (ZFL) Center for Remote Sensing of Land Surfaces (ZFL) ZFL Germany
20 नेशनल स्पेस आर्गेनाइजेशन (NSPO) National Space Organization (NSPO) NSPO Taiwan
21 यूक्रेन राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी (SSAU) State Space Agency of Ukraine (SSAU) SSAU Ukraine
22 तुर्की अंतरिक्ष एजेंसी (TUA) Turkish Space Agency (TUA) TUA Turkey
23 नेशनल सेंटर फॉर स्पेस स्टडीज़ (CNES) National Centre for Space Studies (CNES) CNES France
24 स्वीडिश नेशनल स्पेस एजेंसी (SNSA) Swedish National Space Agency (SNSA) SNSA Sweden
25 नेशनल स्पेस साइंस सेंटर (NSSC) National Space Science Center (NSSC) NSSC China
26 स्विस स्पेस ऑफिस (SSO) Swiss Space Office (SSO) SSO Switzerland
27 सऊदी अंतरिक्ष आयोग (SSC) Saudi Space Commission (SSC) SSC Saudi Arabia
28 डेनिश नेशनल स्पेस इंस्टीट्यूट (DTU Space) Danish National Space Institute (DTU Space) DTU Space Denmark
29 ऑस्ट्रियन स्पेस एजेंसी (ASA) Austrian Space Agency (ASA) ASA Austria
30 नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) National Remote Sensing Centre (NRSC) NRSC India
31 बेल्जियम इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एरोनोमी (BIRA-IASB) Belgian Institute for Space Aeronomy (BIRA-IASB) BIRA-IASB Belgium
32 अर्जेंटीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष गतिविधियों आयोग (CONAE) Argentine National Space Activities Commission (CONAE) CONAE Argentina
33 लक्ज़मबर्ग स्पेस एजेंसी (LSA) Luxembourg Space Agency (LSA) LSA Luxembourg
34 नॉर्वेजियन स्पेस एजेंसी (NOSA) Norwegian Space Agency (NOSA) NOSA Norway
35 पोलिश स्पेस एजेंसी (POLSA) Polish Space Agency (POLSA) POLSA Poland
36 रोमानियाई स्पेस एजेंसी (ROSA) Romanian Space Agency (ROSA) ROSA Romania
37 स्पैनिश नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी (INTA) Spanish National Institute for Aerospace Technology (INTA) INTA Spain
38 फिनिश मीटियोरोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (FMI) Finnish Meteorological Institute (FMI) FMI Finland
39 नेशनल एयरोस्पेस डेवलपमेंट एडमिनिस्ट्रेशन (NADA) National Aerospace Development Administration (NADA) NADA North Korea
40 व्हिएतनाम नेशनल स्पेस सेंटर (VNSC) Vietnam National Space Center (VNSC) VNSC Vietnam
41 लिथुआनियन स्पेस एसोसिएशन (LSA) Lithuanian Space Association (LSA) LSA Lithuania
42 न्यूज़ीलैंड स्पेस एजेंसी (NZSA) New Zealand Space Agency (NZSA) NZSA New Zealand
43 पोर्चुगीज़ स्पेस एजेंसी (Portugal Space) Portuguese Space Agency (Portugal Space) Portugal Space Portugal
44 इजिप्शियन स्पेस एजेंसी (EgSA) Egyptian Space Agency (EgSA) EgSA Egypt
45 इंडोनेशियन नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ एरोनॉटिक्स एंड स्पेस (LAPAN) Indonesian National Institute of Aeronautics and Space (LAPAN) LAPAN Indonesia
46 घाना स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (GSSTI) Ghana Space Science and Technology Institute (GSSTI) GSSTI Ghana
47 मलेशियन नेशनल स्पेस एजेंसी (ANGKASA) Malaysian National Space Agency (ANGKASA) ANGKASA Malaysia
48 कोलंबियाई स्पेस कमीशन (CCE) Colombian Space Commission (CCE) CCE Colombia
49 ग्रीक नेशनल स्पेस एजेंसी (HSA) Greek National Space Agency (HSA) HSA Greece
50 साउथ अमेरिकन स्पेस एजेंसी (ASAE) South American Space Agency (ASAE) ASAE South America (regional cooperation)
51 बल्गेरियाई एयरोस्पेस एजेंसी (BASA) Bulgarian Aerospace Agency (BASA) BASA Bulgaria
52 इक्वेडोरियन सिविलियन स्पेस एजेंसी (EXA) Ecuadorian Civilian Space Agency (EXA) EXA Ecuador
53 हंगेरियन स्पेस ऑफिस (HSO) Hungarian Space Office (HSO) HSO Hungary
54 स्लोवेनियन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर स्पेस साइंसेज एंड टेक्नोलॉजीज (SPACE-SI) Slovenian Centre of Excellence for Space Sciences and Technologies (SPACE-SI) SPACE-SI Slovenia
55 लातवियाई स्पेस एजेंसी (LSA) Latvian Space Agency (LSA) LSA Latvia
56 क्रोएशियाई स्पेस एजेंसी (CSA) Croatian Space Agency (CSA) CSA Croatia
57 मोरोक्कन सेंटर फॉर रिमोट सेंसिंग (CRTS) Moroccan Centre for Remote Sensing (CRTS) CRTS Morocco
58 चिलीई स्पेस एजेंसी (AChE) Chilean Space Agency (AChE) AChE Chile
59 बेलारूशियन स्पेस एजेंसी (BELSA) Belarusian Space Agency (BELSA) BELSA Belarus
60 जॉर्जियन स्पेस एजेंसी (GSA) Georgian Space Agency (GSA) GSA Georgia
61 स्लोवाक संगठन फॉर स्पेस एक्टिविटीज (SOSA) Slovak Organisation for Space Activities (SOSA) SOSA Slovakia
62 कजाख स्पेस एजेंसी (Kazcosmos) Kazakh Space Agency (Kazcosmos) Kazcosmos Kazakhstan
63 यूक्रेनियन स्पेस एजेंसी (Ukrspace) Ukrainian Space Agency (Ukrspace) Ukrspace Ukraine
64 पेरूवियन स्पेस एजेंसी (CONIDA) Peruvian Space Agency (CONIDA) CONIDA Peru
65 आयरिश स्पेस एजेंसी (ISA) Irish Space Agency (ISA) ISA Ireland
66 सीरियन स्पेस एजेंसी (SSA) Syrian Space Agency (SSA) SSA Syria

  प्रश्नोत्तरी (FAQs)

 

सवाल 1: स्पेस एजेंसी क्या होती है?What is a space agency?

स्पेस एजेंसी विभिन्न अंतरिक्ष मिशनों की योजना बनाती है और उन्हें पूरा करने के लिए संसाधनों का प्रबंधन करती है। यहाँ तक कि मानव मिशन से लेकर उपग्रह संचार तक, ये एजेंसियाँ अंतरिक्ष और विज्ञान में नवाचार करती हैं।

सवाल 2: विश्व की प्रमुख स्पेस एजेंसियाँ कौन-कौन सी हैं?Which are the major space agencies of the world?

प्रमुख स्पेस एजेंसियाँ शामिल हैं: ISRO ,NASA, रोसकॉस्मॉस, ESA, CNSA, JAXA, CSA, UAESA, AEB, ISA आदि।

सवाल 3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की स्थापना कब हुई थी?When was the Indian Space Research Organization (ISRO) established?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की स्थापना 15 अगस्त 1969 को हुई थी।

सवाल 4: NASA का मुख्यालय कहाँ स्थित है?Where is the headquarter of NASA located?

NASA का मुख्यालय वॉशिंगटन डीसी, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित है।

सवाल 5: रूसी फेडरल स्पेस एजेंसी (रोसकॉस्मॉस) किस देश की है?To which country does the Russian Federal Space Agency (Roscosmos) belong?

रूसी फेडरल स्पेस एजेंसी (रोसकॉस्मॉस) रूस की स्पेस एजेंसी है।

सवाल 6: यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) कब और कैसे स्थापित हुई?When and how was the European Space Agency (ESA) established?

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) 30 मई 1975 को स्थापित हुई थी और यह यूरोप के कई देशों के सहयोग से बनी है।

सवाल 7: चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (CNSA) की स्थापना कब हुई?When was the China National Space Administration (CNSA) established?

चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (CNSA) की स्थापना 22अप्रैल 1993 को हुई थी।

सवाल 8: जापान एयरोस्पेस अन्वेषण एजेंसी (JAXA) किस देश की है?Japan Aerospace Exploration Agency (JAXA) belongs to which country?

जापान एयरोस्पेस अन्वेषण एजेंसी (JAXA) जापान की स्पेस एजेंसी है।

सवाल 9: कैनेडियन अंतरिक्ष एजेंसी (CSA) के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दीजिए।Give some important information about Canadian Space Agency (CSA).

कैनेडियन अंतरिक्ष एजेंसी (CSA) 1 मार्च 1989 को स्थापित हुई थी और कैनेडा के अंतरिक्ष अनुसंधान का प्रबंधन करती है।

सवाल 10: इजराइल अंतरिक्ष एजेंसी (ISA) की स्थापना कब हुई?When was the Israel Space Agency (ISA) established?

इजराइल अंतरिक्ष एजेंसी (ISA) 1983 में स्थापित हुई थी और यह इजराइल के अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में कार्य करती है।

सवाल 11: अंतरिक्ष एजेंसियों का मुख्य उद्देश्य क्या होता है?What is the main objective of space agencies?

स्पेस एजेंसियों का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष अनुसंधान, वैज्ञानिक खोज, और तकनीकी उन्नति करना होता है। इनके माध्यम से नए तकनीकी साधन विकसित किए जाते हैं जो आम जनता के दैनिक जीवन में भी उपयोगी होते हैं।

सवाल 12: इन एजेंसियों का सहयोग किस तरह से होता है?How do these agencies cooperate?

इन एजेंसियों का सहयोग अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होता है, जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में। इससे विभिन्न देशों के वैज्ञानिकों को एक साथ काम करने का अवसर मिलता है और विज्ञान और तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान होता है।

सवाल 13: इन एजेंसियों के कुछ प्रमुख मिशनों के बारे में बताइए।Mention some of the major missions of these agencies.

इन एजेंसियों ने कई महत्वपूर्ण मिशनों का आयोजन किया है, जैसे कि मंगलयान, चंद्रयान, क्यूरियोसिटी मिशन, हबल टेलीस्कोप, रोजेट्स और उपग्रहों के मिशन आदि।

सवाल 14: स्पेस अन्वेषण के लिए ये एजेंसियाँ कैसे तैयारी करती हैं?

इन एजेंसियों के पास विशेषज्ञता, संसाधन, और तकनीकी योग्यता होती है जो उन्हें अंतरिक्ष मिशन की योजना बनाने और उन्हें पूरा करने में मदद करती है।

सवाल 15: इन एजेंसियों के योगदान से विज्ञान में कैसे विकास हुआ?

इन एजेंसियों के योगदान से हमने सौर मंडल, ग्रहों, उपग्रहों, और अंतरिक्ष के रहस्यों को खोलने में सफलता पाई है। इनके उपग्रहों और विज्ञानिक मिशनों से हमने नए ज्ञान की प्राप्ति की है जो हमारे जीवन को बेहतर बनाने में मदद करता है।

सवाल 16: स्पेस अन्वेषण के क्षेत्र में नए उत्कृष्टि क्षेत्र क्या हैं?

नए उत्कृष्टि क्षेत्रों में अंतरिक्ष जलवायु अनुसंधान, सौर ऊर्जा का उपयोग, और नवाचारिक उपग्रहों के विकास शामिल हैं।

सवाल 17: ये एजेंसियाँ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैसे सहयोग करती हैं?

इन एजेंसियों के बीच ज्ञान और संसाधनों की साझा बाजारी से विज्ञान में उन्नति होती है। ये एजेंसियाँ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जैसे मिशनों में भी साथी बनती हैं।

सवाल 18: अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में कितने अनुसंधान केंद्र हैं?

ये एजेंसियाँ विभिन्न देशों में कई अनुसंधान केंद्रों का प्रबंधन करती हैं जो विभिन्न तकनीकी उन्नतियों का अनुसंधान करते हैं।

सवाल 19: इन एजेंसियों के कितने कर्मचारी होते हैं?

इन एजेंसियों में कर्मचारियों की संख्या विभिन्न होती है, लेकिन आमतौर पर ये लाखों कर्मचारियों की संख्या में होते हैं।

सवाल 20: आगामी दशक में इन एजेंसियों की योजनाएं क्या हैं?

आगामी दशक में ये एजेंसियाँ मंगल, चंद्रमा, उपग्रह, और मानव मिशनों को और भी विकसित करने की योजना बना रही हैं।

सवाल 21: अंतरिक्ष अन्वेषण से हमें क्या सिखने को मिलता है?

अंतरिक्ष अन्वेषण से हमें ब्रह्मांड के रहस्यों के बारे में नए ज्ञान की प्राप्ति होती है, और हम सौर मंडल के अन्य ग्रहों के बारे में भी अधिक जानते हैं।

सवाल 22: आपकी राय में, ये एजेंसियाँ किन-किन क्षेत्रों में और विकास कर सकती हैं?

मेरी राय में, ये एजेंसियाँ अंतरिक्ष यातायात, सौर ऊर्जा, और जीवन के अन्य क्षेत्रों में और भी विकास कर सकती हैं।

सवाल 23: अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए ये एजेंसियाँ किस प्रकार के तकनीकी उपकरणों का उपयोग करती हैं?

ये एजेंसियाँ सैटेलाइट्स, रोबोट्स, रोवर्स, और उपग्रहों का उपयोग करती हैं जो विभिन्न अंतरिक्ष मिशनों में सहायक होते हैं।

सवाल 24: आपके अनुसार, भविष्य में कौन-कौन से राष्ट्र अंतरिक्ष अन्वेषण में अग्रणी हो सकते हैं?

मेरे अनुसार, चीन, भारत, रूस, अमेरिका, और यूरोपीय संघ भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण में अग्रणी हो सकते हैं।

सवाल 25: अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में विकास के लिए आपके पास कोई सुझाव है?

जी हां, हमें और भी विज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान करने की आवश्यकता है ताकि हम अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में नए उत्कृष्टि क्षेत्रों को खोल सकें।


 

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