Ganesh Chaturthi:गणेश चतुर्थी अनसुने किस्से और तिथियाँ

गणेश चतुर्थी,(Ganesh Chaturthi) हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण त्योहार का पर्व है जो भारत में खुशी और उत्सव के साथ मनाया जाता है। यह विशेषकर महाराष्ट्र, गुजरात, और साउथ इंडिया में धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी,(Ganesh Chaturthi) का महत्व भगवान गणेश के आगमन को याद करने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के रूप में माना जाता है। इस ब्लॉग पोस्ट का उद्देश्य है गणेश चतुर्थी,(Ganesh Chaturthi) के त्योहार को एक महत्वपूर्ण और रोचक दृष्टिकोण से समझाना और उसके महत्वपूर्ण तिथियों को विशेष रूप से हाइलाइट करना। हम इस पोस्ट के माध्यम से  गणेश चतुर्थी,(Ganesh Chaturthi)  के महत्व, परंपरा, और धार्मिक महत्व को गहराई से जानने का प्रयास करेंगे, साथ ही अनसुने किस्सों को भी साझा करेंगे जो इस त्योहार के पीछे छुपे हैं। हम आपको गणेश चतुर्थी,(Ganesh Chaturthi) के अद्वितीय माहौल और आदर्शों के साथ जुड़ा रहने का मौका देंगे ताकि आप इस उत्सव को और अधिक महत्वपूर्ण तरीके से मना सकें।

 

Ganesh Chaturthi:गणेश चतुर्थी अनसुने किस्से और तिथियाँ

Ganesh Chaturthi 2023: गणेश चतुर्थी 2023

गणेश चतुर्थी 2023, 18 सितंबर को दोपहर 12:39 बजे से आरंभ होगी और 19 सितंबर को रात 8:43 बजे समाप्त होगी।"

Important dates of Ganesh Chaturthi 2023 -गणेश चतुर्थी 2023 की महत्वपूर्ण तिथियाँ

    प्रश्न                                                                     उत्तर            
गणेश चतुर्थी 2023 कब हैऔर किस दिन     
19 सितंबर 2023 दिन मंगलवार (Tuesday)
गणेश चतुर्थी तिथि आरंभ समय क्या है 18 सितंबर 2023, 12:39 PM
गणेश चतुर्थी तिथि समाप्त समय क्या है 19 सितंबर 2023, 1:43 PM
पूजा मुहूर्त का मुहूर्त टाइम क्या है 19 सितंबर 2023, 11:00 AM से 1:26 PM तक


Ganesh Chaturthi:गणेश चतुर्थी अनसुने किस्से और तिथियाँ


Auspicious yoga and auspicious time of Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी के शुभ योग और मुहूर्त

तारीख दिन शुभ मुहूर्त     टाइम
18 सितंबर 2023 सोमवार (Monday)     
रवि योग                    
12:08 PM से अगले दिन 06:08 AM तक है     
18 सितंबर 2023 सोमवार (Monday) अभिजित मुहूर्त 11:51 AM - 12:40 PM

Auspicious Choghadiya Muhurta : शुभ चौघड़िया मुहूर्त

काल                                     प्रारंभ समय                         समाप्ति समय                                   
अमृत 06:18 AM  
07:48 AM 
काल (काल वेला) 07:48 AM 09:19 AM
शुभ 09:19 AM 10:50 AM
रोग 10:50 AM 12:21 PM
उद्बेग 12:21 PM 13:51 PM
चर 13:51 PM 15:22 PM
लाभ (वार वेला) 15:22 PM 16:53 PM
अमृत 16:53 PM 18:24 PM

Importance of Ganesh Chaturthi : गणेश चतुर्थी का महत्व

गणेश चतुर्थी सनातन  धर्म का  एक प्रमुख और प्रिय त्योहार है, जिसे भगवान गणेश के आगमन  के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में खुशी और उत्सव के साथ मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र, गुजरात, और साउथ इंडिया में इसे बहुत अधिक धूमधाम से मनाया जाता है।

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गणेश चतुर्थी का महत्व यह है कि यह भगवान गणेश के प्रति भक्ति और समर्पण का पर्व है, जिन्हें विघ्नहर्ता और सुखप्रदायक माना जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन, लोग गणेश भगवान की मूर्ति को अपने घरों में स्थापित करते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। इसके साथ ही विशेष धार्मिक भजन और कीर्तनों का आयोजन भी किया जाता है।

इस त्योहार का महत्व यह भी है कि यह एकता, समरसता, और सद्गुणों के प्रतीक के रूप में माना जाता है। गणेश चतुर्थी के दौरान लोग एक साथ आकर्षण और समर्पण की भावना के साथ मिलते हैं और इसे एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाते हैं।

इसके साथ ही गणेश चतुर्थी का महत्व यह भी है कि यह भगवान गणेश के आशीर्वाद की प्राप्ति का मौका प्रदान करता है और लोगों को नई शुरुआतों के लिए प्रेरित करता है। यह एक धार्मिक दृष्टिकोण से न केवल एक त्योहार है, बल्कि एक आत्मिक अनुभव भी है, जो लोगों के जीवन में सुख, समृद्धि, और समानता का प्रतीक है।

Unheard and interesting stories of Ganesh Chaturthi:गणेश चतुर्थी के अनसुने और रोचक किस्से

1. गणेश चतुर्थी के आध्यात्मिक आश्चर्य: गरीब महिला की पूजा और गणेश भगवान की कृपा

गणेश चतुर्थी का यह किस्सा हमें एक गरीब महिला की आदर्श भक्ति और गणेश भगवान के आशीर्वाद की अद्भुत कहानी सुनाता है, जिसमें दिव्य आश्चर्य छुपे हैं।

कहानी का आरंभ होता है गरीब महिला के साथ, जिनका जीवन अत्यंत कठिनाईयों से भरा हुआ था। वह हमेशा दु:खी और असमर्थ महसूस करती थी, लेकिन उसका मन धार्मिक भावनाओं और भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा से भरा था।

गणेश चतुर्थी के दिन, वह गणेश भगवान की पूजा करने का संकल्प लेती है, लेकिन उसके पास तो धन की अभाव होता है। फिर भी, उसका दिल पूर्ण भक्ति से भरा हुआ होता है और वह अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए गणेश भगवान से प्रार्थना करती है।

अचानक, 
गणेश भगवान  उसके सामने प्रकट होते हैं। उनकी मूर्ति और उनकी कृपा से गरीब महिला की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। यह किस्सा हमें यह सिखाता है कि भगवान के सामने जीवन की कठिनाइयों का समाधान हो सकता है, और आध्यात्मिक भक्ति का महत्व अत्यधिक होता है।

Ganesh Chaturthi:गणेश चतुर्थी अनसुने किस्से और तिथियाँ



गणेश चतुर्थी का महत्व हमें यह सिखाता है कि भगवान के साथ विश्वास और आदर्श भक्ति से हम अपनी चुनौतियों का समाधान पा सकते हैं और अपनी मनोकामनाओं को पूरा कर सकते हैं।

2. गणेश का गायब होना: अद्वितीय किस्सा और आध्यात्मिक संदेश

गणेश चतुर्थी के पर्व के दौरान हमें एक अद्वितीय और आध्यात्मिक किस्से सुनने को मिलता है, जिसमें भगवान गणेश के गायब हो जाने और फिर पुनः प्रकट होने की अद्वितीय घटना का वर्णन है। यह किस्सा हमें यह सिखाता है कि भगवान कभी भी अपने भक्तों के पास होते हैं और उनकी प्रार्थनाओं का उत्तर देते हैं।

कहानी का आरंभ होता है एक गाँव में, जहां गणेश चतुर्थी का धूमधाम से आयोजन किया जा रहा था। गाँव के एक व्यक्ति ने एक अद्वितीय और सुंदर गणेश मूर्ति बनाया था, जिसकी उपस्थिति से सभी लोग उत्सव के लिए उत्सुक थे।

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गणेश चतुर्थी के दिन, पूजा की शुरुआत हो रही थी और लोग मूर्ति की ओर  आकर्षित हो रहे थे। लेकिन एक अचानकी घटना ने सबको हैरान कर दिया - गणेश मूर्ति अचानक गायब हो गई! लोग हैरानी में थे और उन्होंने पूजा के लिए उपयुक्त मूर्ति की खोज की, लेकिन वे कुछ नहीं पा सके।

हार नहीं मानने वाले, वे फिर से पूजा की ओर बढ़े और विश्वास और भक्ति के साथ मन्दिर में प्रार्थना करने लगे। और फिर, अचानक वही मूर्ति उनके सामने पुनः प्रकट हो गई, जहां उसकी पूजा हो रही थी। यह घटना लोगों के लिए एक आध्यात्मिक संदेश लेकर आई कि भगवान कभी भी अपने भक्तों के साथ होते हैं और उनकी प्रार्थनाओं का सुनते हैं।

इस किस्से का मतलब है कि भगवान की प्रतिष्ठा में विश्वास और आदर्श भक्ति से हमारी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं, और हमें हमेशा उनके समर्पण में रहना चाहिए।

गणेश चतुर्थी के पीछे छुपी गाथाएँ

1. गणेश चतुर्थी का मराठा साम्राज्य में महत्व: यह किस्सा हमें बताता है कि कैसे छत्रपति शिवाजी महाराज ने 17वीं सदी में गणेश चतुर्थी को महाराष्ट्र में एक महत्वपूर्ण त्योहार बनाया और उसकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने इसे आराध्यता के रूप में स्वीकार किया और लोगों के बीच एकता और सामरसता को प्रोत्साहित किया।

2. गणेश चतुर्थी का राष्ट्रीय उत्सव बनना: इस किस्से में बताया जा सकता है कि कैसे गणेश चतुर्थी ने भारत में राष्ट्रीय उत्सव के रूप में अपनी जगह बनाई। इस उत्सव ने समृद्धि, सामरसता, और धार्मिकता की भावना को प्रकट किया है और लोगों को एकसाथ आने के लिए प्रोत्साहित किया है। आजकल यह पूरे भारत में उत्सव के रूप में मनाया जाता है और लोग खुशी-खुशी इसका स्वागत करते हैं। 

अन्य महत्वपूर्ण तिथियाँ: गणेश चतुर्थी के दौरान मनाई जाने वाली महत्वपूर्ण तिथियाँ

गणेश चतुर्थी का त्योहार हिन्दू धर्म में बड़े ही महत्वपूर्ण और धार्मिक उत्सवों में से एक है, और इसके दौरान कई महत्वपूर्ण तिथियाँ मनाई जाती हैं:

1. गणेश चतुर्थी: यह उत्सव भगवान गणेश के आगमन की तिथि के रूप में मनाया जाता है, और इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है। इस तिथि को आध्यात्मिक और सामाजिक संगठन के साथ धूमधाम से मनाया जाता है।

2. विसर्जन तिथियाँ: गणेश चतुर्थी के उत्सव के बाद, भगवान गणेश की मूर्ति को विसर्जित करने की तिथियाँ होती हैं। इसमें भगवान गणेश की मूर्ति को जल में समाप्त किया जाता है, जिसका महत्व यह होता है कि भगवान गणेश हमारे बीच हमेशा अपनी कृपा बनाए रखते हैं और समुद्र के गहराई में वापस लौटते हैं।

3. अनंत चतुर्दशी: गणेश चतुर्थी के पर्व के 10 दिनों बाद, अनंत चतुर्दशी का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश को विसर्जन किया जाता है, और भक्त अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

गणेश चतुर्थी का मनाने का तरीका:Way to celebrate Ganesh Chaturthi

गणेश चतुर्थी को मनाने का यह आदर्श तरीका अपनाएं और गणेश भगवान की पूजा करें:

1. मूर्ति की विशेषता: सबसे पहले, एक उत्तम और सुंदर गणेश मूर्ति का चयन करें। गणेश मूर्ति को विशेष ध्यान दें और उसके बारे में सोचें कि वह आपके घर में आएं तो कैसे दिखें।

2. पूजा की तैयारी: पूजा की तैयारी करें, जिसमें पूजा स्थल को सजाना और आवश्यक सामग्री जैसे कि दीपक, धूप, चंदन, कुमकुम, रोली, फूल, फल, नीरजला, गाय का दूध, और मिष्ठान शामिल होती है।

3. पूजा की अर्चना: पूजा की अर्चना के लिए सुबह उठकर नियमित रूप से स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें। फिर मूर्ति के सामने आसन पर बैठें और गणेश मंत्रों का जाप करें।

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4. आरती: पूजा के बाद, गणेश भगवान की आरती करें और दीपक की आरती जलाएं।

5. प्रसाद और व्रत: गणेश चतुर्थी के दिन व्रत रखें और खास प्रसाद बनाएं, जैसे कि मोदक, लड्डू, फल, और कीर केसरी। यह प्रसाद गणेश भगवान को चढ़ाया जाता है और फिर भक्तों को बांटा जाता है।

6. संगठन और समर्पण: गणेश चतुर्थी के दिन, समर्पण और भक्ति के साथ सभी आपसी मेल-जोल का अवसर होता है। दोस्तों और परिवार के साथ सामूहिक पूजा करें और गणेश भगवान की कृपा की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।

7. विसर्जन: गणेश चतुर्थी के दौरान मूर्ति का उत्सव के बाद विसर्जन करें, जिसमें गणेश मूर्ति को नदी, झील, या समुद्र में ले जाकर विसर्जित किया जाता है।

इन आदर्श विधियों का पालन करके आप गणेश चतुर्थी का उत्सव आदर्श तरीके से मना सकते हैं और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

गणेश चतुर्थी का व्रत कैसे करें: आदर्श विधियाँ और पूजा के तरीके : How to observe Ganesh Chaturthi fast: Ideal methods and methods of worship


गणेश चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश की पूजा और आराधना के रूप में मनाया जाता है और इसे आदर्श तरीके से करने के लिए निम्नलिखित विधियाँ और पूजा के तरीके हैं:

1. पूजा सामग्री की तैयारी: - पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कि गणेश मूर्ति, दीपक, अगरबत्ती, सिन्दूर, गंध, फूल, पुष्पमाला, नैवेद्य, फल, पान, सुपारी, नरियल, और पान के पत्ते को तैयार करें।

2. पूजा स्थल की तैयारी: - एक शुद्ध और पवित्र स्थान को तैयार करें जहां पूजा की जा सकेगी।

3. गणेश मूर्ति की स्थापना:- गणेश मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें। उसके पैर की ओर सिन्दूर लगाएं और उसे पान पत्तों से सजाएं।

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4. पूजा विधि : - गणेश मूर्ति को गंध, फूल, और पुष्पमाला से अर्चना करें।
    दीपक और अगरबत्ती जलाएं और दिव्य गीतों का पाठ करें।
    गणेश मूर्ति को नैवेद्य, फल, पान, सुपारी, और नरियल के साथ प्रसाद चढ़ाएं।

5. आरती: - गणेश जी की आरती गाएं और उनकी पूजा को समर्पित करें।

6. व्रत उधान:- गणेश चतुर्थी के दिन, व्रत उधान करें और गणेश जी की कृपा का आशीर्वाद प्राप्त करें।

7. महिमा गान:  - गणेश चतुर्थी के दिन, गणेश जी की महिमा के गाने गाएं और उनकी महत्व को याद करें।

8. व्रत समापन:  - व्रत के अंत में, गणेश जी का पूजा समापन करें और प्रसाद को सभी गरीबों और गरीबों को दें।

इस तरह, आप गणेश चतुर्थी का व्रत आदर्श तरीके से मना सकते हैं और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। 

Ganesh Chaturthi:गणेश चतुर्थी अनसुने किस्से और तिथियाँ


गणेश चतुर्थी FAQ

1. गणेश चतुर्थी 2023 कब है? When is Ganesh Chaturthi 2023?

गणेश चतुर्थी 2023 तारीख:  चतुर्थी तिथि आरंभ समय: 18 सितंबर 2023, 12:39 बजे दोपहर

चतुर्थी तिथि समाप्त समय: 19 सितंबर 2023, 1:43 बजे दोपहर

इस वर्ष, गणेश चतुर्थी 18 सितंबर 2023 को दोपहर 12:39 बजे से आरंभ होकर 19 सितंबर 2023 को दोपहर 1:43 बजे समाप्त होगी।

2 . गणेश चतुर्थी क्या है? What is Ganesh Chaturthi?

 गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसमें भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

3 . इस पर्व का महत्व क्या है?What is the importance of this festival?

 गणेश चतुर्थी का महत्व है भगवान गणेश की पूजा करके आपके जीवन में सुख, समृद्धि, और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करने का।

4 .गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?Why is Ganesh Chaturthi celebrated?

गणेश चतुर्थी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो भगवान गणेश की पूजा और आराधना के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य भगवान गणेश की प्रसन्नता प्राप्त करना और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करना होता है। यह त्योहार सुख, समृद्धि, और समृद्धि के लिए भगवान गणेश की कृपा को प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।

गणेश चतुर्थी के महत्वपूर्ण पहलु में इसे भगवान गणेश के प्रागम्य और धर्मिकता के प्रतीक के रूप में मनाने का अवसर माना जाता है। यह त्योहार समाज में एकता और सामरसता का संदेश भी प्रदान करता है और लोग एक साथ आकर्षक परेड्स, संगीत कार्यक्रम, और धार्मिक प्रवचनों का आनंद लेते हैं।

इसके अलावा, गणेश चतुर्थी का महत्व है क्योंकि इसके माध्यम से लोग भगवान गणेश के धार्मिक और सामाजिक महत्व को समझते हैं और अपने जीवन में इसका अनुसरण करते हैं। इसके साथ ही, गणेश चतुर्थी का महत्व भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है और यह भारत में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

5 . गणेश चतुर्थी का महत्व क्या है?What is the importance of Ganesh Chaturthi

इसमें भगवान गणेश की पूजा करने से आपके जीवन में सुख, समृद्धि, और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

6 . गणेश चतुर्थी का इतिहास क्या है?What is the history of Ganesh Chaturthi

इसका इतिहास गणेश चतुर्थी के महत्वपूर्ण घटनाओं को बताता है जैसे कि कैसे गणेश जी को जीवित किया गया।

7 . गणेश चतुर्थी के दिन कौन-कौन से भोजन बनाए जाते हैं?What food is prepared on Ganesh Chaturthi?

इस दिन लोग मिठाई, पूरी, मोदक, और खिचड़ी जैसे विशेष भोजन बनाते हैं।

8 . गणेश चतुर्थी के दिन क्या प्रसाद बनाया जाता है?What Prasad is made on the day of Ganesh Chaturthi

प्रसाद में मोदक, कोशेंबीर, फल, और नैवेद्यम होते हैं।

9 . गणेश चतुर्थी के दिन कितने दिन तक मनाया जाता है?For how many days is Ganesh Chaturthi celebrated?

गणेश चतुर्थी का त्योहार दस दिन  तक मनाया जा सकता है, लेकिन मुख्य चार दिन होते हैं।

10 . गणेश चतुर्थी के दिन कितने दिन का व्रत रखा जाता है?For how many days is the fast observed on Ganesh Chaturthi?

 इसे चार दिन तक का व्रत रखा जाता है, लेकिन कुछ लोग एक दिन का व्रत भी रखते हैं।

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