Diwali Dhanteras Shubh Muhurat-दिवाली धनतेरस का शुभ मुहूर्त

हमारे हिन्दू धर्म मैं पूजा और तयोहार का बड़ा महत्व है हमारे तयोहार आमतौर पर १४ जनवरी तिल सक्रांति को शुरू होता है और देव उठान को ख़त्म होता हैै।  तो लेख के माध्यम से जानते है की दिवाली धनतेरस  ( Diwali Dhanteras Shubh Muhurat) अदि त्योहार का सुबह मुहूर्त कब है और दिवाली धनतेरस  (Diwali Dhanteras )  को  कैसे मनाया जाता है। 

Diwali Dhanteras Shubh Muhurat

दिवाली धनतेरस का शुभ मुहूर्त   (Diwali Dhanteras Shubh Muhurat)

दिवाली हिन्दुओ का सबसे बड़ा त्योहार है ये पुरे ५ दिन तक चलता है जिसकी शुरुवात धनतेरस से होती है। दिवाली धनतेरस का शुभ मुहूर्त   (Diwali Dhanteras Shubh Muhurat) के  क्रम मैं सबसे पहले जानते है धनतेरस के  बारे मैं 

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धनतेरस (Dhanteras)

अमृत मंथन मैं भगवान धन्वंतरि कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन अमृत कलश ले कर प्रकट हुए इस लिया धनतेरस मान्य जाता है चुकी धन्वंतरि अमृत कलश ले कर प्रकट हुए थे इसलिए उस दिन बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है आमतौर पर धनतेरस दीवली से दो दिन पहले मान्य जाता है लेकिन तिथियों के हेरफेर के कारन इस बार धनतेरस के दूसरे दिन ही दीवली है  

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धनतेरस(Dhanteras))का शुभ मुहूर्त

इस बार धनतेरस का शुभ मुहूर्त शनिवार शाम 04:33 बजे से लेकर 23 अक्टूबर रविवार को शाम 05:04 बजे तक रहेगी

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धनतेरस में सामान खरीदने का शुभ मुहूर्त (Auspicious time to buy goods in Dhanteras)-मिथलांचल के ज्योतिषाचार्य पंडित मिथलेश मिश्र के अनुशार शुभ चौघड़िया और मुहूर्त में खरीदारी से घर में सुख समृद्धि का वास बना रहता है। इसके अलावा धनतेरस के दिन धातु का सामान, सोना, चांदी, वाहन और स्थायी संपत्ति घर खरीदते समय भी शुभ चौघड़िया का ध्यान रखना बहुत जरूरी माना जाता है। धनतेरस दिन शुभ चौघड़िया सुबह 7 बजकर 30 मिनट से शुरू हो रहा है जो सुबह 9 बजे तक रहेगा। इस दौरान आप सोना, पीतल, जमीन और मकान जैसी 
 
 
चीजें खरीद सकते हैं। इसके बाद लाभ चौघड़िया दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर 3 बजे तक रहेगा। इस दौरान आप तांबे का बरतन, सोना, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम खरीद सकते हैं। अमृत चौघड़िया शाम 3 बजे से 4 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस समय में चांदी, पीतल, सोना, जमीन-मकान खरीदना आपके लिए शुभ साबित हो सकता है। लाभ चौघड़िया शाम 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस समय में तांबे का बरतन, सोना, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, वाहन खरीदना शुभ रहेगा।शुभ चौघड़िया रात  रात 9 बजे  10 बजकर 30 मिनट तक  है. इसमें आप सोना, पीतल, जमीन-मकान अदि खरीद सकते है । मृत चौघड़िया रात  10 बजकर 30 मिनट से  12 बजे तक रहेगा इसमें  चांदी, पीतल, सोना, खरीद सकते है  स्टील का सामान न खरीदे।

काल चौघड़िया मुहूर्त
 
सुबह 6 बजे से 7 बजे तक रहने वाला है तो वहीं, रोग चौघड़िया सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। उद्वेग चौघड़िया सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक रहेगा और काल चौघड़िया का शाम का वक्त शाम 4 बजकर 30 मिनट से 6 बजे तक है। अंत में उद्वेग चौघड़िया शाम 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक रहने वाला है। इस समय कोई भी खरीदारी न करे।
 
 
दिवाली से एक दिन पहले यम दिया जलाने का प्रावधान है इसे नरकचतुर्थी भी कहते है
दिवाली सुबह मुहूर्त (Diwali Shubh Muhurat)- प्रकाश पर्व दिवाली इस बार २४ अक्टूबर को मनाया जायेगा दिवाली मैं प्रदोष काल  शाम 05 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक तथा वृषभ काल काल 06 बजकर 54 मिनट से रात 08 बजकर 50 मिनट तक रहेगी लक्ष्मी जनपति जी का पूजन आप शाम 06 बजकर 54 मिनट से 08 बजकर 16 मिनट कर सकते है शुभ मुहूर्त मैं पूजा करने से माता लक्ष्मीका विशेष कृपा  मिलती है 
महानिशीथ काल मुहूर्तरात ११ बाज कर ४० मिनट  से १२ बजकर ३१ मिनट पर है 
 
दीवली मैं पूजा करते समय  
लक्ष्मी कुबेर पूजा मंत्र अवश्य पढ़े
ॐ श्रीं श्रीयै नम:   
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥
ऊं श्रीं ह्री कमले कमलाये प्रसिद्ध प्रसिद्ध ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम
धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च। भगवान् त्वत्प्रसादेन धनधान्यादिसम्पद:।। 
Diwali Dhanteras Shubh Muhurat-दिवाली धनतेरस का शुभ मुहूर्त

 
महालक्ष्मी मंत्र जी का मंत्र
 
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥ 
 
लक्ष्मी   जी की आरती 
 
ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय श्री लक्ष्मी माता।। 
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।  
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। 
मैया तुम ही जग-माता।।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। 
मैया सुख संपत्ति दाता। 
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।। 
 तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता। 
मैया तुम ही शुभदाता। 
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।। 
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। 
मैया सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।  
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। 
मैया वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता। 
मैया क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।  
महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता। 
मैया जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।। 
ऊं  जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। 
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
 
गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja)
 
दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) मनाया जाता है इसका शुभ मुहूर्त 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर शुरू हो रही है। ये तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। तथा इसकी पूजा का सुबह मुहूर्त सुबह 6 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। 

भाई दूज(Bhai Dooj)

भाई दूज(Bhai Dooj) का सुबह मुहूर्त 26 अक्टूबर को दिन में 02 बजकर 43 मिनट से भाई दूज का पर्व मनाना शुभ रहेगा, जो 27 अक्टूबर को दोपहर 01:18 से  03:30 मिनट तक रहेगा। 
 

 छठ पूजा (Chhath Puja)

 
Diwali Dhanteras Shubh Muhurat-दिवाली धनतेरस का शुभ मुहूर्त

पूर्वांचल मैं मनाया जाने वाला  छठ पूजा (Chhath Puja) आज कल पुरे भारत मैं मनाया जाता है तो जानते है छठ पूजा का सुबह मुहूर्त 
छठ पूजा (Chhath Puja) का शुरुआत नहाय खाए से होता है -इसका मुहूर्त 28 अक्टूबर 2022
उसके बाद दुशरे दिन खरना होता है  खरना का शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर 2022
उसके बाद बरी आता है शाम के अर्घ्य का जो की 30 अक्टूबर 2022, को है 
अंत में सुबह के  अर्घ्य के साथ इसका समापन होता है ये 31 अक्टूबर 2022
 
देवउठनी एकादशी(Dev Uthani Ekadashi)
हिन्दू  धर्म का अंतिम पर्व  देवउठनी एकादशी(Dev Uthani Ekadashi) होता है जो की इस साल 3 नवंबर 2022 को शाम 7.30 बजे से शुरू होकर 4 नवंबर 2022 को शाम 6. 8 मिनट पर समाप्त होगी
 
 

 

 





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