Some Fact of Mahabharat महाभारत के कुछ तथ्य



महाभारत और रामायण हमारे पूर्वजो का दिया हुआ बेशकीमती उपहार है।महाभारत आर्य संस्कृति और सनातन धर्म का एक अत्यंत आदरणीय और प्रमुख ग्रन्थ है , महाभारत को जयसंहिता और शतसाहस्त्र संहिता के नाम से भी जाना जाता है इसकी रचना महर्षि वेदव्यास ने किया था इसमें 18 पर्व 1948 अध्याय तथा १००२१७ श्लोक हैं। महाभारत सभी वेदो का सार है श्रीमद्भागवत महाभरत का ही एक छोटा हिस्सा है हमने बचपन से महभारत और रामयण के बारे में टेलेविज़न और किताबो में पढ़ा है लेकिन इसमें इतना कुछ है की हम इसे पूरी तरह से नहीं समझ सकते इसलिए मैंने इस लेख में महाभारत के कुछ तथ्य (Some Fact of Mahabharat) को को लिखा है ।जिसे हमें जानना चाहिए तो नीचे जानते है महाभारत के कुछ तथ्य (Some Fact of Mahabharat) 


Some Fact of Mahabharat महाभारत के कुछ तथ्य


Some Fact of Mahabharat महाभारत के कुछ तथ्य


1 महाभारत प्रचार ,सूत,वैशम्पायन जैमिनि,पैल द्वारा किया गया था

२- महाभारत की रचना महर्षि वेदव्यास ने किया था लेकिन इसको लिखा भगवान गणेश ने था-कहा जाता है की ब्रह्मा जे के कहने पर महर्षि वेदव्यास भगवान गणेश जी के पास महाभारत लिखने के अनुरोध ले के गए तब गणेश जी उनका ये अनुरोध मान लिए पर उन्होंने एक शर्त राखी की अगर वे बीच में कही रुक जायँगे तो वो लिखना छोड़ देंगे तब महर्षि वेदव्यास ने कहा की भगवान मेरा अनुरोध ये है की आप बिना श्लोक का मतलब समझे उसे न लिखे तब गणेश जी ने उनकी ये बात मान ली जब वेदव्यास और गणेश जी इसको लिखने बैठे तो बीच बीच में ऋषि थोड़ कठिन श्लोक बता देते थे जिसका मतलब समझने के लिए गणेश जी को कहना पड़ता था इसी का फायदा उठा के ऋषि ४ से ५ श्लोको के और रचना कर देते थे।

३- महाभारत दुनिया का सबसे लम्बा काव्य है इसमें 18 पर्व 1948 अध्याय तथा १००२१७ श्लोक हैं।


४-महाभारत को 'शतसाहस्त्र संहिता' भी कहा जाता है।

५ महाभारत की तिथि 3100 - 1200 ईसा . के बीच बताई जाती हैं।

६ -महाभारत को लिखने में पुरे ३ साल लगे ।

७- वेदो के अनुशार सतयुग में मनुष्यों का उम्र १००००० त्रेतायुग में १०००० द्वापर युग में १००० साल और कलयुग में १०० साल होगा।

८ -महाभारत ग्रंथ का सबसे पहले वाचन ऋषि वैशम्पायन जी ने जो की महृषि वेदव्यास का शिष्य थे ने परीक्षित के पुत्र जनमेजय को किया था-बात उस समय की है जब परीक्षित के पुत्र जनमेजय सर्पो के विनाश के लिए एक यज्ञ कर रहे थे।

९- महाभारत में १८ को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है महाभारत में कुल 18 अध्याय हैं 18 दिन तक ही युद्ध चला गीता में १८ अध्याय हैं। कौरवों और पांडवों की सेना भी कुल 18 अक्षोहिनी सेना थी इस युद्ध में कुल 18 योद्धा ही जीवित बचे थे।महाभारत ग्रंथ में कुल 18 पर्व हैं।

१०- महाभारत को पांचवा वेद भी माना कहा जाता है।

११ -हम सभी जानते है की कुरुक्षेत्र हरयाणा में है हस्तिनापुर उत्तरप्रदेश में है तो क्या आप जानते है कर्ण को जिसदेश का राजा बनाया गया था वो अब कहा है तो आइये बताते है कर्ण को अंग देश का राजा बनाया गया था जो वर्तमान में बिहार के भागलपुर और मुंगेर है मुंगेर में कर्ण का किला और मंदिर है जिस मंदिर में कर्ण रोजाना डेढ़ मन सोना गरीबो में दान किया जाता था।

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१२ कहा जाता है की महाभारत युद्ध के कारण कुरुक्षेत्र का भूमि अभी भी लाल है।

१३ कहा जाता है की महर्षि वेदव्यास जी ने महाभरत कुल ६० लाख श्लोको का एक महाभारत सहिता का रचना किया था जिसे चार छोटे छोटे संस्करण में बाटा गया था पहला भाग ३० लाख श्लोको का था जिसे नारद जी ने देवताओ को सुनाया था दूसरा १५ लाख का था जैसे देवल और असित ऋषि ने पितृलोक में पितरो को सुनाया था तीसरा खंड १४ लाख का था जिसे सुकदेव ऋषि ने यक्ष और गन्धर्वो को सुनाया था शेष १ लाख का चौथे भाग का प्रचार मनुष्य लोक में हुआ जिसे ऋषि वैशम्पायन जी ने परीक्षित के पुत्र जनमेजय को सुनाया था ।

१४ महाभारत में सरस्वती नदी के विनाश्न नामक तीर्थ पर सूखने का सन्दर्भ आता है जिसके अनुसार मलेच्छों से द्वेष होने के कारण सरस्वती नदी ने मलेच्छ प्रदेशो में जाना बंद कर दिया।

१५ रामायण में सूर्यवंशी का वर्णन है जब की महभारत में चन्द्रवंशी का ।

१६ महाभारत में युयुत्सु नामक सिर्फ एक कौरव ही अंत तक जिन्दा बचा युयुत्सु दुर्योधन का सौतेला भाई था ।

१७ महाभरत में वर्णित पांडवो का इंद्रप्रस्थ नगरी आज कल का दिल्ली है।


१८ ऋषि वेदव्यास जी ने महाभारत की रचना करने के बाद सर्वपर्थम इसे ब्रह्मा जी को भेट दिया था ।

१९ कहा जाता है की महाभरत में वर्णित तीन पात्र आज भी जिन्दा है वो है ऋषि वेदव्यास अश्व्थामा और क्रिपचर्या ।

२० युधिष्ठिर और विदुर को धर्मराज का अवतार माना जाता है।

२१ कहा जाता है की महाभारत को घर में रखने से कलेश होता है जो की एक मिथ्या बात है महाभारत का ज्ञान हम सभी के लिए जरुरी है।

२२ महाभरत में कौरवो के तरफ से जिन्दा बचे यौद्धा कृपाचार्य,अश्वत्थामा, तथा कृतवर्मा, थे जबकि पांडव के तरफ से युधिष्ठिर, युयुत्सु,भीम, अर्जुन नकुल और सहदेव थे।

२३ महाभारत के युद्ध में लगभग 39 लाख ५० हजार के करीब योद्धा मारे गए।

२४ कलयुग के आगमन महाभरत के बाद हुआ कलयुग का पहला राजा परीक्षित को मन गया है।


२५ महाभारत में कौन किसका अवतार है ।

👉श्रीकृष्ण- भगवान विष्णु का अवतार👈
👉वलराम - शेषनाग 👈
👉कर्ण-सूर्य का अंश (पूर्व जन्म में दंभोद्भवा नामक असुर)👈
👉शकुनि-द्वापर युग के अंश से शकुनि का जन्म👈

👉युधिष्ठिर-धर्मराज👈
👉भीम-वायु देव👈
👉अर्जुन-इंद्रदेव👈
👉नकुल और सहदेव-अश्वनी कुमार👈
👉द्रौपदी -इंद्राणी👈
👉बलराम-शेषनाग👈
👉द्रोणाचार्य -देवगुरु बृहस्पति👈
👉भीष्म-वसु - कालनेमि दैत्य👈
👉दुर्योधन-पुलस्त्य वंश के राक्षस के अंश👈
👉रुक्मणी-लक्ष्मीजी👈
👉अश्वत्थामा-महादेव, यम, काल और क्रोध के सम्मिलित अंश👈
👉विदुर -धर्मराज👈

👉अभिमन्यु-चंद्रमा के पुत्र वर्चा का अंश था👈
👉कुंती-माद्री-कुंती और माद्री के रूप में सिद्धि और धृतिका का जन्म हुआ था।👈
👉सात्यकि-मरुतगण👈
👉धृष्टधुम्न-अग्नि के अंश👈
👉कंस- कालनेमि👈


1- श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात (Shree Somnath Jyotirlinga)
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